न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा एमजीएम के अधीक्षक अरुण कुमार को सस्पेंड किए जाने के बाद एडीएम विधि व्यवस्था एनके लाल को प्रशासक बनाया गया था। एडीएम विधि व्यवस्था एनके लाल ने प्रशासक बनने के दूसरे ही दिन एमजीएम अस्पताल पहुंचकर वहां की व्यवस्था देखी थी। डॉक्टरों को दिशा निर्देश दिए थे। लेकिन इसका कोई असर एमजीएम अस्पताल पर दिखता नहीं नजर आ रहा है। अभी भी डॉक्टर लापरवाह नजर आते हैं। गुरुवार को एमजीएम अस्पताल में कई लोगों को जमीन पर लेटा कर इलाज कराया जा रहा था। परिजन नाराज थे। उनका कहना था कि उनको बेड दिया जाए। लेकिन किसी को बेड नहीं दिया गया। सोमवार को एमजीएम अस्पताल में लापरवाही का बड़ा मंजर दिखाई दिया था। सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल एक युवक को एमजीएम अस्पताल लाया गया था। उसका कोई परिजन वहां नहीं था। लगभग ढाई घंटे तक डॉक्टरों ने उसको नहीं देखा। एमजीएम अस्पताल के इमरजेंसी की लिफ्ट के सामने ही वो युवक बेहोश पड़ा रहा था। बाद में लोगों ने हंगामा किया। तब जाकर डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया था।