न्यूज़ बी रिपोर्टर, गाजीपुर : माफिया मुख्तार अंसारी और ब्रजेश सिंह के बीच तीन दशक से चली आ रही पुरानी अदावत कम होने का नाम नहीं ले रही है। मुख्तार अंसारी को जहां अदालतों में बारी-बारी से सजा सुनाई जा रही है तो वहीं ब्रजेश सिंह जमानत पर बाहर आ चुके हैं। अभी जरायम की दुनिया के यह दो चिर प्रतिद्वंद्वी सिपहसालार कानूनी दांवपेच में एक-दूसरे से उलझे हुए हैं। एक दूसरे को पटखनी देने के लिए जुगत भिड़ा ई जा रही है। इस कानूनी दांवपेच में अब तक बृजेश सिंह का पलड़ा भारी है। मुख्तार अंसारी के अपने लोग ही साथ छोड़ते जा रहे हैं। गाजीपुर के एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा है यह केस लोगों की जबान की सुर्खियां बना हुआ है। सबकी निगाहें इस केस पर लगी हुई हैं। लोग चर्चा कर रहे हैं कि क्या मुख्तार अंसारी खुद पर हुए हमले के मामले में बृजेश सिंह को सजा दिलवा पाएंगे।
मुख्तार अंसारी को कोर्प्स में उस वक्त तगड़ा झटका लगा, जब उसी के गवाह तौकीर ने उसरी चट्टी कांड में ब्रजेश सिंह को पहचानने से इनकार कर दिया। तौकीर के बयान को मुख्तार अंसारी की बड़ी शिकस्त के रूप में देखा जा रहा है।
उसरी चट्टी कांड में मुख्तार अंसारी के काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी और तौकीर घायल हुआ था। मुख्तार अंसारी ने ब्रजेश सिंह पर हमले का आरोप लगाया था। मुख्तार की तरफ से तौकीर को ब्रजेश सिंह के खिलाफ बतौर गवाह पेश किया गया था। मामले में मुख्तार अंसारी की भी गवाही होनी थी। अदालत ने मुख्तार को फिजिकली पेश करने का आदेश दिया था। लेकिन वह पेश नहीं हो सका। उसे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जोड़ा गया। इसके बाद अगली तारीख पर खुद मुख्तार अंसारी की गवाही होनी थी लेकिन मुख्तार अंसारी कोर्ट में पेश नहीं हो सका। अब मामले की अगली सुनवाई होगी।
21 साल पहले 2001 में गाजीपुर के उसरी चट्टी में दोनों गैंग के बीच आमना-सामना हुआ था। इसी मामले की सुनवाई गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है।
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