जमशेदपुर: 23 अगस्त 2024 को रांची के मोरहाबादी मैदान में राजनीतिक दल ‘भाजपा’ के बैनर तले ‘भाजयुमो’ की आक्रोश रैली के दौरान ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में कार्यक्रम को सुरक्षा प्रदान करने की ड्यूटी निभा रहे पुलिसकर्मियों पर पथराव कर देते हैं, इससे दर्जनों पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। ये स्थिति पूरी तरह प्रजातंत्र को राजशाही में परिवर्तित करने का मानो प्रयोग है।
तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में बुरी तरह से विफल रही है। काशिफ रज़ा ने आगे बताया कि एक तरफ भारत के प्रधानमंत्री अपने भाषणों में मुसलमानों, सिखों और किसानों को उनके कपड़ों से पहचानने की बात करते हैं। वही जब उनके पार्टी के कार्यकर्ता एवं नेता गुंडागर्दी करते हैं तो इस पर उनका बयान ना आना दुखदाई है। भाजपा पूरे देश में अपने तानाशाही रवैये के कारण आज हाशिये पर जाती दिख रही है। झारखंड़ की जनता भी भाजपा के कार्यकर्ताओं के गुंडा प्रवृत्ति को देख रही है। आज जब भाजपा सत्ता में नहीं है। तो उनका यह बर्ताव है। अगर वह झारखंड़ की सत्ता में आ जाती है तो झारखंड़ की स्थिति क्या होगी। यह सोचने का विषय है। जनता भाजपा को इस बार अपने वोट की चोट से सबक सिखाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि जहां भाजपा की सरकार है वहां मुसलमानो, दलितों, ईसाइयों और सिखों पर ज़ुल्म चरम पर है। झूठे आरोप लगा कर मुसलमानों के घरों को बुलडोज किया जा रहा है और एक धर्म व जाति के विरोध में माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दिनों पूरे देश में 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया गया था। पूरे देश में आंदोलन हुआ। पर कहीं भी हिंसा या पुलिस पर हमले की खबर सुनने में नही आई। भाजपा को आज़ाद समाज पार्टी (का०), भीम आर्मी और बहुजन दलों से आंदोलन को सीखना चाहिए कि कैसे अपनी बात रखी जाती है।
उन्हीने झारखंड़ के महामहिम से विनम्र अनुरोध है कि इस पुरे मामले की न्यायिक जांच करवाएं व दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने करें, साथ ही महोदय से अनुरोध है कि संवैधानिक पद जैसे विधायक या सांसद के पद पर विराजमान जिन भाजपा नेतागण की सहभागिता में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उक्त घृणित कृत्य को अंजाम दिया, उनकी संवैधानिक सदस्यता को रद्द करने का कृपा करें, ताकि झारखंड की धरती पर भविष्य में किसी भी राजनीतिक दल के कार्यक्रम में किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं द्वारा ऐसी घटनाएं न हों।