इफ़्तिख़ार अली : जमशेदपुर लोकसभा सीट के तहत आने वाली जमशेदपुर पश्चिम का इलाका कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। यहां से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता विधायक हैं। इस इलाके में भाजपा ने इंडिया गठबंधन को जबरदस्त पटकनी दी है। भाजपा के उम्मीदवार सांसद विद्युत करण महतो ने जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से झामुमो के उम्मीदवार समीर मोहंती से 55698 मत अधिक प्राप्त किए। जबकि सांसद विद्युत वरण महतो को इस इलाके में 133172 वोट मिले। जबकि, झामुमो के उम्मीदवार समीर मोहंती को 77 हजार 474 वोट मिले। जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में इंडिया गठबंधन को कम वोट मिलने से कांग्रेसी डर गए हैं। उन्हें लग रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कहीं उनकी यह सीट हाथ से निकल ना जाए। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि अभी जो स्थिति है उसके अनुसार जमशेदपुर पश्चिम में कांग्रेस का वोट बैंक किसका है। मुस्लिम इलाकों में भी भाजपा के उम्मीदवार सांसद विद्युत वरण महतो को अच्छे खासे वोट मिले हैं। इसके पीछे सांसद विद्युत वरण महतो की अपनी मेहनत है। मुस्लिम इलाकों में भी उनके अपने लोग हैं, जो सीधे सांसद से जुड़े हैं। यह लोग संसद विद्युत वरण महतो को विकास के नाम पर वोट देते हैं। यही नहीं कांग्रेस और झामुमो की मुसलमानों से दूरी बनाने की रणनीति का भी इस इलाके पर खासा असर पड़ा है। इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार ने मानगो इलाके में मुस्लिम मतदाताओं से कभी सीधे जुड़ने की कोशिश नहीं की। इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार कुछ ऐसे नेताओं के सहारे रहे जो अपनी ही जेब भरने में लगे रहे। राजनीतिक जानकारों की माने तो आगामी विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का तंबू उखड़ भी सकता है। यही नहीं, इंडिया गठबंधन को जमशेदपुर संसदीय सीट के बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई और जमशेदपुर पूर्वी में भी जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा। खुद समीर मोहंती बहरागोड़ा से विधायक हैं। लेकिन यहां भी वह सांसद विद्युत वरण महतो से 29825 मत पीछे रहे। घाटशिला में समीर मोहंती सांसद विद्युत वरण महतो से 795 मत पीछे रहे। जबकि पोटका में यह अंतर 52 हजार 47 का था। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार समीर मोहंती के खास सिपहसालार माने जा रहे जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी के क्षेत्र में भी इंडिया गठबंधन की जबरदस्त हार हुई। इस इलाके से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार 56759 मत पीछे रहे। जमशेदपुर में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार समीर मोहंती की हार के पीछे कुप्रबंध और स्वार्थ परक राजनीती रही।