रांची: घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन झारखंड के कैबिनेट मिनिस्टर बन गए हैं। उन्हें शुक्रवार को राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में गवर्नर संतोष गंगवार ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा इंडिया गठबंधन के कई बड़े नेता मौजूद थे। पूर्व मंत्री चंपई सोरेन के झामुमो छोड़ने के बाद रामदास सोरेन की किस्मत का सितारा चमका और उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर की मलाई नसीब हुई है। रामदास सोरेन इसका बड़े अरसे से इंतजार कर रहे थे। रामदास सोरेन का राजनीतिक संघर्ष का सफर 1995 में शुरू हुआ था। उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी से रघुवर दास के खिलाफ जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह यह चुनाव हार गए थे। उन्हें 7000 के करीब वोट मिले थे।
साल 2005 में झामुमो से कर दी थी बगावत
इसके बाद रामदास सोरेन ने झामुमो से बगावत कर साल 2005 में घाटशिला से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। क्योंकि झामुमो ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। झामुमो का कांग्रेस से तालमेल था और कांग्रेस के उम्मीदवार प्रदीप बालमुचू घाटशिला से चुनाव लड़ रहे थे। इस चुनाव में रामदास सोरेन दूसरे नंबर पर रहे और अपनी राजनीतिक हनक कायम कर ली। इसी के चलते झामुमो ने उन्हें साल 2009 के चुनाव में टिकट दिया। इस बार रामदास सोरेन जीत गए और विधानसभा पहुंचे। साल 2014 में हुए चुनाव में वह हार गए। लेकिन साथ 2019 में हुए चुनाव में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी लखन चंद्र मार्डी को परास्त किया और जीत का परचम बुलंद किया।
1992 में झारखंड आंदोलन में गए थे जेल
रामदास सोरेन झारखंड आंदोलनकारी नेता हैं। उन्होंने अपने दोस्तों से शेख बदरुद्दीन और प्रमोद लाल के साथ झारखंड के आंदोलन में हिस्सा लिया था। तीनों साथी एक साथ जेल भी गए थे। रामदास सोरेन शेख बदरुद्दीन आदि साथी साकची जेल में लगभग 3 महीने तक बंद रहे थे।
कोल्हान में कद हुआ ऊंचा, संभालेंगे कमान
अब वह कैबिनेट मिनिस्टर बन गए हैं। कैबिनेट मिनिस्टर बनने के बाद कोल्हान में रामदास सोरेन का कद ऊंचा हो गया है। चंपई सोरेन के जाने के बाद अब रामदास सोरेन ही कोल्हान में जेएमएम की कमान संभालेंगे। रामदास सोरेन पूर्वी सिंहभूम के जिला अध्यक्ष भी हैं। कोल्हान में पार्टी को जिताने की जिम्मेदारी उन्हीं की होगी।