जुगसलाई, बाराद्वारी, सोनारी आदि इलाकों में व्यापारी गया के कारीगरों से तैयार करा रहे हैं तिलकुट
जमशेदपुर: मकर संक्रांति का पर्व नजदीक आते ही शहर के बाजार पर तिलकुट का खुमार छा गया है। शहर में तिलकुट की बिक्री तेज हो गई है। मकर संक्रांति पर तिलकुट और तिल के लड्डू की बढ़ती हुई खरीद फरोख्त को देखते हुए व्यापारियों ने तिलकुट बनाने का काम शुरू कर दिया है। गया और बिहार के अन्य जिलों से कारीगर बुलाए गए हैं। जुगसलाई, बारीडीह, बाराद्वारी, काशीडीह, साकची, सोनारी आदि इलाकों में तिलकुट बनाए जा रहे हैं।
हर खास व आम की पसंद बना तिलकुट
जुगसलाई में स्टेशन रोड के रहने वाले दिलीप सोनकर भी तिलकुट के कारोबारी हैं। उनके यहां तिलकुट के 10 कारीगर रोज तिलकुट तैयार कर रहे हैं। दिलीप सोनकर बताते हैं कि उन्होंने गया से इस साल 10 कारीगर बुलाए हैं। गया का तिलकुट मशहूर है। इसलिए गया से कारीगर बुलाए जाते हैं ताकि स्वादिष्ट तिलकुट बन सके। सर्दियों में तिलकुट की मांग शुरू हो जाती है और मकर संक्रांति पर्व नजदीक आते-आते तिलकुट हर खास व आम की पसंद बन जाता है। तिलकुट के दाम में भी इस साल की इजाफा हुआ है। तिलकुट ₹300 से लेकर ₹350 प्रति किलो तिलकुट बिक रहा है। दुकानदार बताते हैं कि तिलकुट के भाव हर साल चढ़ते गए हैं। साल 2008 में वह ₹80 प्रति किलो तिलकुट बेचते थे।
10 गुना बढ़ गई तिलकुट की बिक्री
मकर संक्रांति पर तिलकुट, तिल का लड्डू आदि खाने का प्रचलन है। इसी के चलते लोग तिलकुट की खरीदारी कर रहे हैं। साकची के एक कारोबारी रवि गुप्ता बताते हैं कि यूं तो साल भर तिलकुट की बिक्री होती है। लेकिन मकर संक्रांति पर तिलकुट की बिक्री में 10 से 15 गुना का इजाफा हो गया है।