Home > World > Shab E Barat: शबे बरात पर दुनिया भर में इमाम महदी की आमद का जश्न, रंगीन रोशनी से गुलज़ार मस्जिदों में इबादत, हर तरफ आतिशबाज़ी का नज़ारा

Shab E Barat: शबे बरात पर दुनिया भर में इमाम महदी की आमद का जश्न, रंगीन रोशनी से गुलज़ार मस्जिदों में इबादत, हर तरफ आतिशबाज़ी का नज़ारा

 न्यूज़ बी : दुनिया भर में शबे बरात का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर इमाम महदी अलैहिस्सलाम की आमद का जश्न है। ईरान, इराक, लेबनान, यमन, बांग्लादेश, अमेरिका, इंग्लैंड आदि विश्व के कई देशों में शबे बरात पर जश्न का समां है। भारत में नई दिल्ली, मुंबई, इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, जमशेदपुर, कोलकाता, चेन्नई आदि शहरों में भी शबे बरात का त्योहार धूम से मनाया जा रहा है। लोगों ने नए कपड़े पहने हैं। हर तरफ आतिशबाजी की जा रही है। जमशेदपुर में मगरिब की नमाज के बाद कब्रिस्तान जाने का सिलसिला शुरू हुआ। साकची, जुगसलाई, धतकीडीह, मानगो के ज़ाकिर नगर आदि कब्रिस्तान में लोग पहुंचे और अपनों की कब्र पर फातिहा पढ़ा। इसके बाद मस्जिदों में इबादत शुरू हुई। 15 शाबान को पढ़ी जाने वाली खास नमाज व दुआ की गई। ज़ाकिर नगर की शिया जामा मस्जिद में शबे बरात के खास आमाल हुए। महफिल ए मिलाद भी आयोजित भी की गई।
15 शाबान को हुई थी इमाम महदी अलैहिस्सलाम की वेलादत
मुसलमान इमाम महदी अलैहिस्सलाम की आमद का जश्न मना रहे हैं। इमाम महदी अलैहिस्सलाम की विलादत 15 शाबान को 11 वें इमाम हजरत हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के घर हुई थी। वह 15 शाबान सन 255 हिजरी में इराक के शहर समरा में पैदा हुए थे। इमाम महदी अलैहिस्सलाम अभी बाहयात हैं और अल्लाह ने उन्हें पर्दे में रखा है। उनकी पहली गैबत 8 रबी उल अव्वल सन 260 हिजरी में शुरू हुई थी। इस गैबत में इमाम अलैहिस्सलाम बड़े उलमा से मुलाकात किया करते थे। इमाम अलैहिस्सलाम की दूसरी गैबत 10 शव्वाल 329 हिजरी में शुरू हुई। जमशेदपुर के ज़ाकिर नगर में शिया जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना ज़की हैदर साहब बताते हैं कि इमाम महदी अलैहिस्सलाम अल्लाह के हुक्म से दुनिया में जाहिर होकर जुल्म के खिलाफ लड़ेंगे और अत्याचार से भर चुकी इस दुनिया को इंसाफ से भर देंगे।सुबह नदी में डाला जाएगा अरीजा

शिया मुसलमान इमाम महदी अलैहिस्सलाम को अरीजा लिखते हैं। यह अरीजा एक पत्र होता है। इसमें शिया मुसलमान अपनी मुरादें लिखते हैं। इसमें वह सारी चीज़ लिखी जाती है जो इमाम से मांगनी होती हैं। लोगों का कहना है कि इमाम लोगों की सारी मुरादें पूरी करते हैं। सुबह नमाज से पहले लोग स्वर्णरेखा नदी पहुंचेंगे और नदी में अरीजा डालेंगे।

साकची कब्रिस्तान में मुंशी बाबा की मजार पर पढ़ा गया फातिहा

साकची कब्रिस्तान में मुंशी बाबा की मजार पर फातिहा पढ़ा गया। फातिहा खाने में झामुमो के नेता बाबर खान समेत शहर के बुद्धिजीवी शामिल हुए। यहां देश दुनिया में अमन और भाईचारा की दुआ मांगी गई। ज़ाकिर नगर कब्रिस्तान में भी सामूहिक दुआ हुई।

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