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राज्य में लागू होगा एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट, दोगुनी होगी वकीलों की पेंशन, संवाद कार्यक्रम में हुआ फैसला+ वीडियो

राज्य बार काउंसिल के अधिक सदस्य अधिवक्ता अनिल तिवारी ने हड़ताल का किया विरोध किया काम
न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर
: झारखंड में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री अधिवक्ता संवाद कार्यक्रम में अधिवक्ताओं को यह आश्वासन दिया है। शनिवार को हुए इस संवाद कार्यक्रम में जमशेदपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता व राज्य बार काउंसिल के सदस्य अनिल कुमार तिवारी भी मौजूद थे। अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि उनके अधिकारी अन्य राज्यों में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का अध्ययन कर रहे हैं। जैसा अन्य राज्यों में हुआ है। वैसे ही झारखंड में भी लागू किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट जल्द लागू होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसके साथ ही ऐलान किया है कि अधिवक्ताओं को जितनी पेंशन उनकी वेलफेयर ट्रस्टी कमेटी देती है उतनी ही पेंशन सरकार भी देगी। इस तरह, अधिवक्ताओं की पेंशन दोगुनी हो जाएगी।

राज्य बार काउंसिल के सदस्य जमशेदपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी

राज्य बार काउंसिल के सदस्य जमशेदपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि अभी लगभग ₹7000 पेंशन मिलती है। 65 साल से अधिक उम्र के अधिवक्ता जिनकी 30 साल प्रैक्टिस हो चुकी है। वह अपना लाइसेंस सरेंडर कर पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। राज्य सरकार द्वारा किए गए इस ऐलान के बाद अब अधिवक्ताओं को ₹14000 प्रति माह पेंशन मिलेगी। राज्य बार काउंसिल के सदस्य अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी ने कहा कि सरकार का यह बड़ा फैसला है। उन्होंने कहा कि सरकार कोर्ट फीस पर भी विचार कर रही है। गौरतलब है कि कोर्ट फीस के मुद्दे पर जमशेदपुर समेत पूरे राज्य के निर्देश पर हड़ताल पर हैं। इसे लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी का कहना है कि हड़ताल का कोई औचित्य नहीं बनता। हड़ताल कब हुई। किस निर्देश पर हुई। उन्हें नहीं मालूम। उनका कहना है कि राज्य बार काउंसिल ने जब मीटिंग बुलाई थी तो सदस्य होने के नाते उन्हें भी जानकारी होनी चाहिए थी।

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अधिवक्ता अनिल तिवारी ने कहा कि हड़ताल से मुकदमा लड़ने वाले वादी का नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, रोज कमाने खाने वाले अधिवक्ताओं का नुकसान है। साथ ही न्यायिक सिस्टम में भी काम पेंडिंग काम का बोझ बढ़ता है। इसलिए वह हड़ताल के पक्ष में नहीं हैं। राज्य बार काउंसिल के सदस्य अनिल तिवारी ने कहा कि वह खुद हड़ताल का विरोध करते हैं और उन्होंने इस दौरान काम किया है।

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