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सरायकेला और जमशेदपुर में आतंक का पर्याय बने कुख्यात बदमाश कार्तिक मुंडा का अंत, जानें परमजीत गिरोह के क्रिमिनल की कहानी

जमशेदपुर: सरायकेला और पूर्वीसिंहभूम के जमशेदपुर इलाके में आतंक का पर्याय बने कुख्यात बदमाश कार्तिक मुंडा की मौत हो गई है। कार्तिक मुंडा सोनारी के बाल विहार कुंज नगर में मित्तल अपार्टमेंट में मृत पाया गया। बताते हैं कि पुलिस कार्तिक मुंडा की तलाश में थी। छापामारी की जा रही थी। आदित्यपुर पुलिस ने गुरुवार की देर रात मित्तल अपार्टमेंट में छापामारी की थी। बताते हैं कि कार्तिक मुंडा पुलिस को देखकर बालकनी से नीचे कूद गया। वह फरार होना चाहता था। इसी दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सरायकेला के एसपी मुकेश लुणायत ने कार्तिक मुंडा की मौत की पुष्टि कर दी है। एसपी मुकेश लुणायत ने बताया कि पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कार्तिक मुंडा कुंज नगर के मित्तल अपार्टमेंट में है। इसके बाद सरायकेला पुलिस की टीम ने वहां छापामारी की थी। लेकिन कार्तिक मुंडा पुलिस से बचने के लिए बालकनी से नीचे कूद गया और उसकी मौत हो गई।
जमीन कारोबार में लिप्त था कार्तिक मुंडा
जमशेदपुर में बड़े पैमाने पर जमीन पर कब्जा कर इसे बेचने का कारोबार होता है। सरकारी जमीन पर कब्जा किया जाता है। करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन को इधर-उधर कर दिया गया है। इस कारोबार में जमशेदपुर और सरायकेला के कुख्यात बदमाश शामिल हैं। इन बदमाशों की बड़े-बड़े नेताओं के साथ मिली भगत है। नेता और यह बदमाश मिलकर जमीन का धंधा करते हैं। कार्तिक मुंडा भी जमीन के कारोबार में लिप्त था। इसके चलते वह आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था।
गम्हरिया में झामुमो नेता उत्तम दास और कारोबारी अजय प्रताप सिंह पर कराया था बम हमला
इसी साल अप्रैल में गम्हरिया की एमसीसी बिल्डिंग के पास 9 अप्रैल को झामुमो नेता उत्तम दास उर्फ बाबू और कारोबारी अजय प्रताप सिंह पर बम हमला हुआ था। इस बम हमले में कार्तिक मुंडा गिरोह का नाम आया था। यह बम हमला भी जमीन कारोबार को लेकर हुआ था। पुलिस ने आरोप लगाया कि कार्तिक ने अपने साथियों के साथ मिलकर उत्तम दास और अजय प्रताप की हत्या की साजिश रची थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने सोनारी के बेल्डीह बस्ती के मोतीलाल बिश्नोई और आदित्यपुर गार्डन के रहने वाले मंतोष महतो को गिरफ्तार किया था। दोनों ने पुलिस को बताया था कि कार्तिक मुंडा ने अजय प्रताप सिंह, डोमिनिक और विक्की नंदी को मारने के लिए 20 लाख रुपए की सुपारी दी थी।
ओल्ड सीताराम डेरा में कार्तिक मुंडा के घर चिपकाया गया था इश्तहार
कुख्यात बदमाश कार्तिक मुंडा का घर सीताराम डेरा में भी है। उसके ओल्ड सीतारामडेरा वाले घर पर सिदगोड़ा थाना पुलिस ने 9 सितंबर को ढोल नगाड़े के साथ इश्तिहार चिपकाया था। कार्तिक मुंडा सिदगोड़ा थाने में आर्म्स एक्ट के मामले में नामजद था और फरार चल रहा था। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
साल 2017 में गैंगस्टर अखिलेश सिंह के पिता के घर के बाहर की थी फायरिंग
कुख्यात बदमाश कार्तिक मुंडा ने साल 2017 में नवंबर महीने में गैंगस्टर अखिलेश सिंह के पिता चंद्रगुप्त सिंह के घर के बाहर फायरिंग की थी। इस घटना के बाद पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। वह पुलिस को नहीं मिल रहा था। वह बार-बार पुलिस को चकमा दे रहा था। इसी के बाद पुलिस ने पिछले साल सितंबर में उसके घर इश्तिहार चिपका कर 30 सितंबर तक कोर्ट में हाजिर होने को कहा था। कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर कार्तिक मुंडा के घर की कुर्की की जानी थी।
परमजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य गवाह था कार्तिक मुंडा, 10 साल पहले हुई थी हत्या की कोशिश
कार्तिक मुंडा घाघीडीह जेल में हुए परमजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य गवाह था। कार्तिक मुंडा की जून 2014 में कार्तिक मुंडा की हत्या की कोशिश की गई थी। इस मामले में बिरसानगर के बदमाश सम्राट मंडल और सिदगोड़ा के बदमाश रवि प्रकाश राय को मानगो के बसेरा अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से देसी पिस्तौल और कारतूस बरामद हुए थे। तब एसएसपी अमूल होमकर थे और मुखबिर की सूचना पर उनके आदेश पर यह गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तार बदमाश अखिलेश गिरोह के सदस्य कन्हैया सिंह के सहयोग से बिहार के आरा से हथियार लेकर जमशेदपुर पहुंचे थे। उनकी योजना कार्तिक मुंडा की हत्या के बाद जमशेदपुर के कई बिल्डरों से रंगदारी वसूलने की थी। इस गिरफ्तारी में मुख्य भूमिका गोलमुरी के इंस्पेक्टर मोहम्मद नेहालुद्दीन ने अदा की थी। निहाल उद्दीन को ही गुप्त सूचना मिली थी कि आरा से कुछ बदमाश आकर हत्या की घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं और कई बिल्डर से रंगदारी वसूलने का प्लान बना रहे हैं। मानगो के रहने वाले परमजीत सिंह की हत्या 20 मार्च साल 2009 को घाघीडीह सेंट्रल जेल में हुई थी। परमजीत गिरोह का कार्तिक मुंडा और हीरे भी जेल में बंद थे। इस मामले में अखिलेश सिंह उसके भाई अमलेश सिंह और गौतम समेत अन्य पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। कार्तिक मुंडा और हीरे इस हत्याकांड के मुख्य गवाह थे।
आदित्यपुर के विवेक सिंह हत्याकांड में भी आया था कार्तिक मुंडा का नाम
इसी साल जून में आदित्यपुर में कल्पनापुरी पहाड़ी मैदान के पास विवेक सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भी कार्तिक मुंडा और उसके साथ ही सागर लोहार का नाम आ रहा था। कदमा में भोलू हत्याकांड में विक्की नंदी का नाम आने के बाद विक्की कार्तिक मुंडा गिरोह के निशाने पर था। इन दोनों में गैंगवार चल रही थी। जिस विवेक नामक युवक की हत्या की गई थी वह विक्की नदी का करीबी बताया जाता है।

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