जमशेदपुर : गोलमुरी के हिंदुस्तान मित्र मंडल उच्च विद्यालय में तैनात क्लर्क शैलेंद्र कुमार की नियुक्ति अवैध है। जुगसलाई के महतोपाड़ा रोड के रहने वाले राशिद इकबाल अंसारी ने यह आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से की है। इसकी शिकायत की कॉपी पूर्वी सिंहभूम के डीसी मंजूनाथ भजन्त्री के अलावा माध्यमिक शिक्षा स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निदेशक व सचिव और प्रधानमंत्री कार्यालय को भी भेजी गई है। पत्र में मांग की गई है कि मामले की जांच कर शैलेंद्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उन्हें हटाया जाए। साथ ही गलत ढंग से नियुक्ति के दौरान उन्होंने वेतन के तौर पर मिलने वाली सरकारी राशि की वसूली की जाए। जिला शिक्षा अधिकारी को भेजे गए पत्र में राशिद इकबाल अंसारी ने पूरे मामले का खुलासा किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि हिंदुस्तान मित्र मंडल उच्च विद्यालय में कार्यरत लिपिक शैलेंद्र कुमार की नियुक्ति कभी नहीं हुई। उनके पास जो नियुक्ति पत्र है वह फर्जी है। यह इलाका जब बिहार के अधीन था तब शिक्षा विभाग के एक वरीय अधिकारी के यहां शैलेंद्र कुमार के पिता खाना बनाते थे और अपने इसी संपर्क का लाभ लेते हुए उन्होंने धतकीडीह के राजकीय कृत कबीरिया उर्दू उच्च विद्यालय में निदेशक स्तर के पदाधिकारी के कहने पर काम करने लगे थे। बाद में वह रजिस्टर में हाजिरी बनाने लगे और उनका वेतन भी मिलने लगा।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर रहे 8 साल
अवैध रूप से साठ गांठ कर शैलेंद्र कुमार साल 2008 से साल 2019 तक जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में प्रतिनियुक्त रहे और काफी अनियमितता की है। कहा जा रहा है कि इसके सबूत अंकेक्षण रिपोर्ट में सामने आए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनाती के दौरान शैलेंद्र कुमार के पास अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालय एवं स्थापना अनुमति प्राप्त उच्च विद्यालय व इंटर महाविद्यालयों का प्रभाग रहा है। अल्पसंख्यक विद्यालयों में प्रति अभ्यर्थी 8 से 10 लाख रुपए की रकम लेकर नियुक्तियों के अनुमोदन का इन पर आरोप है। अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों मे शिक्षकों की नियुक्ति में भी गड़बड़ी का आरोप इन पर लगाया गया।
सौदा पटने पर ही फाइल आगे बढ़ने का है आरोप
क्लर्क शैलेंद्र कुमार पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने प्रबंधन समिति द्वारा अल्पसंख्यक विद्यालयों में तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी की नियुक्ति होने पर फाइल को अपने पास रखकर सौदेबाजी करते थे और सौदा नहीं पटने पर फाइल को दबा देते थे। शिकायत में कहा गया है कि इन पर खास महल के श्यामा प्रसाद उच्च विद्यालय में बेबी रूबी देवी आदेश पाल की तैनाती में गड़बड़ी का मामला सामने आया था। जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में तैनाती के दौरान इन्होंने बिना टिप्पणी के ही कई फाइलों को निपटा दिया, जो जांच का विषय है।
मान्यता की फाइलों पर भी होती थी वसूली
इन पर उच्च विद्यालयों में इंटर महाविद्यालयों की मान्यता एवं अनुदान से संबंधित फाइल को जैक बोर्ड को भेजने और मैट्रिक व इंटर परीक्षा के सादा पंजीयन आवेदन प्रपत्र वितरण के नाम पर भी वसूली के आरोप लगे हैं। इन पर वेतन एवं बकाया वेतन भुगतान से संबंधित रोकड़ बही संधारित नहीं करने का आरोप है।
सरकारी फंड को बैंक में रख ब्याज में हुई हेरा फेरी
आरोप है कि मकान मद में आवंटित एक करोड़ 17 लाख रुपए की रकम को पहले इंडसइंड बैंक की बिष्टुपुर शाखा में रखा गया। 3 साल यहां रखने के बाद इस रकम को फिर बिष्टुपुर की ही बैंक ऑफ कॉमर्स शाखा में रखा गया। आरोप है कि अब एक करोड़ 17 लाख रुपए की रकम को विभागीय आदेश पर चालू खाते में जमा कर दिया गया है। जबकि 7 साल में जो ब्याज की रकम मिली है उसमें गड़बड़ी कर दी गई है।
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप
क्लर्क शैलेंद्र कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अनियमितता की रकम से करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली है। मांग की गई है कि इनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में भी जांच की जाए।
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