Jamahedpur : (Sidgora Crime) कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने वरीय पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि गुरचरण सिंह बिल्ला के खिलाफ दस नंबर बस्ती में दर्ज मामले की गहन जांच की जाए। साथ ही, उन्होंने केंद्रीय गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भगवान सिंह से अपील की है कि जब तक बिल्ला निर्दोष साबित नहीं होते, उन्हें गुरुद्वारा कमेटी के पद से हटाया जाए। ( Sidgora Crime)
Sidgora Crime : गंभीर आरोप और आपराधिक पृष्ठभूमि
कुलविंदर सिंह के अनुसार, गुरचरण सिंह बिल्ला एक सजायाफ्ता अपराधी हैं, जिन्हें पंजाब की अदालत ने एके-47, मैगजीन और वॉकी-टॉकी रखने के मामले में पांच साल की सजा दी थी। हाल ही में, सिदगोड़ा थाना में 30 मार्च को दर्ज कांड संख्या 41/2025 में भी बिल्ला को आरोपी बनाया गया है। पुलिस जांच में यह सामने आया है कि बिल्ला के निर्देश पर बालू से भरे बोरे के नीचे दो पिस्टल छिपाए गए थे।
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Sidgora Crime : गुरुद्वारा की राजनीति में बाहुबल और अपराध का गठजोड़
कुलविंदर सिंह ने आरोप लगाया कि भगवान सिंह अपराधियों के बिना नहीं रह सकते और उन्होंने जानबूझकर गुरचरण सिंह बिल्ला को महासचिव जैसा अहम पद दिया है। बिल्ला ने गुरुद्वारा राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अपराधी संगठनों से गठजोड़ किया है।
नए अपराधी गिरोह का खुलासा
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि सिदगोड़ा कांड में एक नया आपराधिक गिरोह तैयार हो रहा था। कुलविंदर सिंह ने कहा कि भगवान सिंह और गुरचरण सिंह बिल्ला युवाओं को गलत राह पर धकेल रहे हैं। दिन में सिख विजडम की क्लास चलाने का दिखावा और रात में अवैध हथियारों का खेल, समाज के लिए खतरनाक संकेत हैं।
सिख संगत को चाहिए जवाब
जमशेदपुर की सिख संगत और जिला प्रशासन को यह जानने का हक है कि भगवान सिंह आखिर किस कारण से गुरचरण सिंह बिल्ला का बचाव कर रहे हैं। कुलविंदर सिंह ने मांग की है कि पुलिस निष्पक्ष जांच करे और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।