मानगो के ज़ाकिर नगर में इमामबाड़ा हजरत अबू तालिब अलैहिस्सलाम में गुरुवार को इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का चेहल्लुम मनाया गया। इस मौके पर आशकार नकवी ने नौहा पढ़ा- लब्बैक या हुसैन कहो कर्बला चलो। अजादारों ने मातम किया। इसके पहले मस्जिद के पेश इमाम मौलाना जकी हैदर करारवी ने मजलिस पढी। उन्होंने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत और उनके घर की महिलाओं व चौथे इमाम सैयद ए सज्जाद पर कैद खाने की मुसीबतें बयान कीं। उन्होंने मजलिस में पढ़ा कि जब पैगंबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि व आलेही वसल्लम के घर की महिलाएं यजीद की कैद से रिहा होकर मदीने की तरफ रवाना हुईं। तो इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की 4 साल की बेटी सकीना की मां अपनी बेटी की कब्र से लिपट कर रो रही थीं और कह रही थीं कि बेटी जब हम सब कैद में थे तो तुम रोज शाम को पूछती थी कि अम्मा यह परिंदे कहां जा रहे हैं। तो मैं बताती थी की बेटी यह परिंदे अब अपने घरों को जा रहे हैं। तो तुम पूछती थी की अम्मा हम सब अपने घर मदीना कब जाएंगे। बीबी रबाब अपनी बेटी की कब्र से लिपट कर रो रही थीं कि ऐ मेरी 4 साल की बच्ची सकीना अब हम सब कैद से रिहा हो गए। अपने घर मदीना जा रहे हैं। क्या तुम घर नहीं चलोगी। मजलिस के बाद इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के ताबूत निकले। आजादारों ने ताबूत की जियारत की।
Pingback : बिष्टुपुर स्थित कर्बला में चेहल्लुम के मौके पर आयोजित किया गया लंगर व कुरान खानी – News Bee
Pingback : मानगो के ज़ाकिर नगर स्थित इमामबारगाह हजरत अबू तालिब अलैहिस्सलाम में मनाया गया रसूले अकरम व इमाम