जमशेदपुर: जमशेदपुर लोकसभा सीट पर 32 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है. झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति (जेबीकेएसएस) के उम्मीदवार को लेकर दुविधा का माहौल पैदा हो गया है. पटमदा के केंदडीह के रहने वाले विश्वनाथ महतो ने दावा किया है कि वह झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति के उम्मीदवार हैं. लेकिन, समिति के वरिष्ठ नेताओं ने उनका दावा खारिज कर दिया है. इसे लेकर झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति के अंदर राजनीति गरमा गई है.
पटमदा के महुलबना पंचायत के केंदडीह गांव के रहने वाले विश्वनाथ महतो ने शनिवार को झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र खरीदा था. इसके बाद चर्चा हो गई थी की झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति की तरफ से जमशेदपुर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार खड़ा होगा. लेकिन, सोमवार को जब पर्चा दाखिल हुआ तो विश्वनाथ महतो ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना पर्चा दाखिल किया. पत्रकारों के सवाल के जवाब में विश्वनाथ महतो ने बताया कि वह झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति के उम्मीदवार हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति का अभी चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन नहीं है. इसलिए उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरना पड़ा है. विश्वनाथ महतो का दावा है कि अन्य सीटों पर भी समिति के उम्मीदवार निर्दलीय के तौर पर ही चुनाव लड़ रहे हैं. जब उनके इस दावे के बारे में झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति के वरिष्ठ नेता व आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश महतो से बात की गई तो दिनेश महतो का साफ कहना था कि उनकी पार्टी ने जमशेदपुर लोकसभा सीट पर अपना कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है.
केंद्रीय महासचिव को जारी करना पड़ा पत्र
जमशेदपुर लोकसभा सीट पर समिति के उम्मीदवार को लेकर चल रही दुविधा को साफ करने के लिए समिति के केंद्रीय महासचिव पांडुराम हाईबुरु को पत्र जारी करना पड़ा है. झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति के केंद्रीय महासचिव पांडूराम हाईबुरु का पत्र जमशेदपुर भेजा गया है. इस पत्र में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव को लेकर समिति के नेताओं से उम्मीदवारों की सूची मांगी गई थी. उम्मीदवारों की सूची में कोई संतोषजनक उम्मीदवार नहीं है. इसलिए टिकट के बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ. इसके बावजूद, कुछ उम्मीदवारों ने समिति के नाम पर नामांकन पत्र खरीद लिया है. लेकिन, जिन लोगों ने बिना समिति के वरिष्ठ नेताओं को सूचना दिए नामांकन पत्र खरीद लिया है. उनका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है. इस पत्र से साफ हो गया है कि विश्वनाथ महतो का यह दावा की वह झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति के उम्मीदवार हैं सही नहीं है. इसे लेकर समिति के अंदर भी राजनीति गर्म हो गई है.
जमशेदपुर में क्यों नहीं दिया गया उम्मीदवार
समिति के कई नेता सवाल उठा रहे हैं कि आखिर जमशेदपुर लोकसभा सीट से उनका कोई उम्मीदवार क्यों नहीं खड़ा हुआ. जबकि पहले से इस बात की चर्चा थी कि जमशेदपुर लोकसभा सीट पर समिति का उम्मीदवार खड़ा होगा. राजनीतिक जानकर भी इसे लेकर चर्चा कर रहे हैं उनका कहना है कि किसी पार्टी विशेष के कहने पर शायद समिति ने जमशेदपुर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार नहीं दिया है. हो सकता है पार्टी का किसी बड़ी पार्टी के साथ कोई अंदरूनी समझौता हो.
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