न्यूज़ बी: यमन के हौसी आदिवासियों ने इसराइल के गैलेक्सी लीडर पर ईद ए गदीर का जश्न मनाया। इस मौके पर गैलेक्सी लीडर पर हौसी आदिवासियों ने अपना पारंपरिक नृत्य किया। इसके बाद जमकर आतिशबाजी की गई। ईद गदीर वह त्यौहार है जब हजरत मोहम्मद मुस्तफा ने अपने भाई हजरत अली अलैहिस्सलाम को खुम में अपने हाथों पर बुलंद कर कहा था मन कुन्तो मौला हो, फहाजा अली उन मौला। यानी जिस जिस का मैं मौला उसका यह अली मौला। तभी से मुसलमान ईद-ए-गदीर मानते हैं। यमन के हौसी आदिवासी सेना का नाम अंसार उल्लाह है। हौसी आदिवासी सेना ने फिलिस्तीन पर इसराइल के हमले के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इसराइल का जहाज गैलेक्सी लीडर जप्त कर लिया था। उन्होंने जब गैलेक्सी लीडर जप्त किया था तो वहां से कुछ किलोमीटर दूर इंग्लैंड, अमेरिका और यूरोप की अन्य सेनाएं मौजूद थीं। गैलेक्सी लीडर के कप्तान ने अमेरिकी सेना की मदद भी मांगी थी। लेकिन हौसी आदिवासियों के खिलाफ कार्रवाई करने की किसी की हिम्मत ना पड़ी। हौसी आदिवासी आराम से गैलेक्सी लीडर को लेकर यमन के तट पर पहुंचे।
अभी तक यह जहाज उनके कब्जे में है। हौसी आदिवासी दुनिया में सबसे बहादुर माने जाते हैं।कई साल पहले उन पर मिस्र ने हमला किया था। लेकिन मिस्र के लोगों को हार का सामना करना पड़ा था। साल 2014 के आसपास सऊदी अरब ने भी यमन पर हमला किया था। सऊदी अरब के साथ कई मुल्कों की गठबंधन सेना थी। लेकिन सऊदी अरब हौसी आदिवासियों का कुछ नहीं बिगाड़ पाया। यमन के हुदैदा बंदरगाह पर कब्जे के लिए अमेरिका और यूरोप के कई देशों की सेना ने हौसी आदिवासियों पर हमला किया था। कई दिनों तक भीषण लड़ाई चली थी। लेकिन अमेरिकी इसराइली सेना हुदैदा बंदरगाह हौसी आदिवासियों से नहीं छिन पाई थी। अब हौसी आदिवासी इसराइल और अमेरिका के खिलाफ जंग के मैदान में उतरे हुए हैं।