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झारखंड मंत्रिमंडल में इरफान अंसारी, बैद्यनाथ राम और दीपिका पांडे सिंह नए चेहरे, कई मंत्रियों के कतरे गए पर

जमशेदपुर : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को विश्वास मत प्राप्त किया। सरकार फ्लोर टेस्ट में पास हो गई। 45 विधायकों ने विश्वास मत का समर्थन किया। इसके बाद राज भवन में हेमंत सोरेन की नई कैबिनेट तैयार हुई। इस नई कैबिनेट में तीन नए चेहरे रखे गए हैं। कांग्रेस के कोटे से इरफान अंसारी और दीपिका पांडे सिंह को रखा गया है। इरफान अंसारी पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की जगह आए हैं। आलमगीर आलम को ईडी ने टेंडर घोटाला मामले में जेल भेजा है। उनकी जगह इरफान अंसारी मंत्री बनाए गए और आलमगीर आलम के ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग और पंचायती राज विभाग डॉक्टर इरफान अंसारी को सौंप दिए गए हैं। दीपिका पांडे सिंह को बादल पत्र लेख की जगह मंत्री बनाया गया है। बादल पत्र लेख को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में एक कैबिनेट मंत्री की भूमिका अच्छी नहीं थी। उन्होंने मेहनत नहीं की। अब लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि गुलाम अहमद मीर मंत्री का जिक्र कर रहे थे। वह शायद बादल पत्र लेख थे। दीपिका पांडे सिंह को बादल पत्र लेख का ही कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग दिया गया है। इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पहले आपदा प्रबंधन विभाग भी देख रहे थे। उनसे यह विभाग लेकर दीपिका पांडे सिंह को दे दिया गया है। इस तरह दीपिका पांडे सिंह की स्थिति मजबूत बनाई गई है। एक तरह से कांग्रेस ने दीपिका पांडे सिंह को इनाम दिया है और उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की है। लोकसभा चुनाव के दौरान दीपिका पांडे सिंह को गोड्डा से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया गया था। लेकिन बाद में कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते दीपिका पांडे सिंह से टिकट छीनकर प्रदीप यादव को दे दिया गया। कहा जा रहा है कि यह विरोध प्रदीप यादव ने ही कराया था। अब दीपिका पांडे सिंह के मन में आई कसक दूर करने के लिए उन्हें मंत्री बनाया गया है। जबकि झामुमो कोटे से बैद्यनाथ राम नए मंत्री बनाए गए हैं। पिछली बार जब पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की कैबिनेट बनाई जा रही थी तो बैद्यनाथ राम का नाम भी मंत्री बनने वालों की सूची में था। यहां तक कि उनका नाम राजभवन चला गया था। राजभवन से पत्र भी आ गया था। बैद्यनाथ राम शपथ लेने की तैयारी कर रहे थे। उनके गांव में जश्न का माहौल था। गांव के लोग और परिवार के लोग राजभवन के बाहर जश्न मनाने के लिए पहुंच चुके थे। लेकिन ऐन वक्त पर बैद्यनाथ राम का नाम कट गया था। इस घटना की कसक बैद्यनाथ राम के मन में रही होगी। इसी को दूर करने के लिए उन्हें मंत्री बना दिया गया है। बैद्यनाथ राम को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग दिया गया है। इसके अलावा चंपई सोरेन भी मंत्री बनाए गए हैं। इसके पहले वह परिवहन विभाग देखा करते थे। लेकिन, इस बार उन्हें जल संसाधन विभाग और उच्च एवं तकनीकी विभाग दिया गया है। दीपक बिरुवा को अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग दिया गया है। मिथिलेश कुमार ठाकुर अपना पुराना विभाग ही देखेंगे। हफीजुल हसन को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, निबंधन विभाग, पर्यटन कला संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग सौंपा गया है। बेबी देवी को महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग दिया गया है। रामेश्वर उरांव वित्त विभाग, योजना एवं विकास विभाग, संसदीय कार्य विभाग और वाणिज्य कर विभाग देखेंगे। बन्ना गुप्ता एवं स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग देखेंगे। पहले आपदा प्रबंधन व गृह विभाग भी इनके पास था। आपदा प्रबंधन विभाग अब दीपिका पांडे सिंह को दिया गया है। सत्यानंद भोक्ता श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विभाग और उद्योग विभाग देख रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग, गृह विभाग, पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग और मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग तथा वैसे सारे विभाग जो अन्य मंत्रियों को आवंटित नहीं है, अपने पास रखे हैं। कैबिनेट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन को जगह नहीं मिली है। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की कैबिनेट में बसंत सोरेन का पथ निर्माण विभाग मंत्री बनाए गए थे। लेकिन अब जब हेमंत सोरेन फिर मुख्यमंत्री बन गए हैं तो उन्होंने बसंत सोरेन को मंत्री न बनने के लिए मना लिया है। क्योंकि हेमंत सोरेन जानते हैं कि भाजपा इस मुद्दे को तूल दे सकती है कि हेमंत सोरेन खुद मुख्यमंत्री भी हैं और उनके भाई भी मंत्री बने हैं। इसीलिए बसंत सोरेन को मंत्री नहीं बनाया गया। बसंत सोरेन इससे नाराज भी नहीं है। क्योंकि विश्वास मत के दौरान और बाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और छोटे भाई बसंत सोरेन के बीच अच्छा तालमेल देखने को मिला।

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