सांसद ने जुस्को को दी धमकी, बोले शिलापट पर नाम नहीं डाला तो 48 घंटे के अंदर कर देंगे हिसाब किताब
न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : मानगो में मानगो चौक पर अमर शहीद खुदीराम बोस की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर भाजपा के सांसद विद्युत वरण महतो को आमंत्रित नहीं किए जाने और शिलापट पर उनका नाम नहीं डालने से भाजपाइयों ने जमकर बवाल काटा। इस बवाल के बीच सांसद विद्युत वरण महतो भी मानगो चौक पहुंचे और उन्होंने जुस्को के अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। सांसद ने कहा कि अगर 48 घंटे के अंदर उनका नाम शिलापट पर नहीं जोड़ा जाता तो वह जुस्को का हिसाब किताब कर देंगे। सांसद के अलावा भाजपा के महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने भी जुस्को को इसके लिए 48 घंटे की मोहलत दी और बोले कि शिला पट पर सांसद का नाम नहीं डाले जाने पर आंदोलन किया जाएगा।
गोल चक्कर छोटा कर बनाई गई है नई प्रतिमा
गौरतलब है कि मानगो चौक पर अमर शहीद खुदीराम बोस की प्रतिमा पहले से स्थापित थी। लेकिन गोलचक्कर काफी बड़ा था। इसलिए गोलचक्कर को छोटा किया गया और खुदीराम बोस की प्रतिमा को डिवाइडर से सटाकर बनाया गया। यह निर्माण जुस्को ने किया है। जुस्को की तरफ से कार्यक्रम आयोजित कर शनिवार को इसका उद्घाटन किया गया। उद्घाटन के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और टाटा स्टील के अधिकारी चाणक्य चौधरी को ही बुलाया गया। भाजपा के सांसद विद्युत वरण महतो को न तो आमंत्रण दिया गया और ना ही उनका नाम शिला पट पर डाला गया। इससे भाजपाई नाराज हो गए और जमकर हंगामा हुआ।
भाजपाइयों की पुलिस से भी धक्का-मुक्की
भाजपाइयों की पुलिस से धक्का-मुक्की हुई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की हुई। बड़ी मुश्किल से पुलिस ने किसी तरह हालात को संभाला। लेकिन इस कार्यक्रम में जुस्को की जमकर फजीहत हुई है। बंग समाज के लोग भी इस कार्यक्रम में पहुंचे थे।
बंग समाज ने भी किया कार्यक्रम का बहिष्कार
कांग्रेस की नेत्री व बंग समाज के पदाधिकारी अपर्णा गुहा भी पहुंची थी। लेकिन इन लोगों को मंच पर जगह नहीं दी गई। इससे नाराज होकर बंग समाज के लोग भी कार्यक्रम का बहिष्कार कर चले गए।
पूर्व डीसी अमिताभ कौशल ने तैयार किया था योजना का खाका
पूर्व डीसी अमिताभ कौशल ने अपने कार्यकाल में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक कराई थी। इस बैठक में अधिकारियों ने मंथन किया था कि शहर में ट्रैफिक को किस तरह सुचारू रूप से चालू किया जाए और हादसे पर रोक लगाई जाए। डेंजर जोन घोषित कर उन्हें ठीक किया गया। इसके अलावा तय हुआ था कि 5 साल के अंदर शहर के सभी बड़े गोल चक्करों को तोड़कर छोटा किया जाए। इसकी शुरुआत बिष्टुपुर से की गई थी। अब इसी सिलसिले में मानगो गोल चक्कर को भी छोटा किया गया है। जबकि कुछ सफेदपोश नेता इसका श्रेय लेने की जुगत में हैं।
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