जमशेदपुर : बिष्टुपुर के गोपाल मैदान में बंग भाषियों ने रविवार को एक महासम्मेलन का आयोजन किया। इस महासम्मेलन में कोल्हान भर से बंगभाषी जुटे। दीप प्रज्वलन के बाद सम्मेलन का आगाज हुआ। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों का मन मोह लिया। सारा कार्यक्रम बांग्ला भाषा में ही आयोजित किया गया। सम्मेलन में आए लोगों ने प्रण किया कि वह बांग्ला भाषा को और सम्मान दिलाएंगे। झारखंड के स्कूलों में बांग्ला भाषा में पढ़ाई की शुरुआत कराएंगे। इसके लिए संघर्ष जारी है। आयोजन समिति के वाइस प्रेसिडेंट इंद्रजीत घोष ने कहा कि बांग्ला उनकी मातृभाषा है। इसके लिए तो कुछ करना होगा।उन्होंने कहा कि कोल्हान का यह इलाका पहले बंगाल प्रेसीडेंसी में आता था। फिर बिहार के साथ गया। फिर कुछ दिन के लिए ओडिशा के साथ रहा। फिर बिहार में चला गया। फिर बाद में झारखंड बना है। तो यहां की माटी बंगाल की माटी है। माटी का असर होता है। सरकारें बदलती रहीं लेकिन माटी तो वही है। यहां की माटी में बांग्ला भाषा समाहित है। इसलिए बांग्ला भाषा में भी पढ़ाई होनी चाहिए।