मानगो के ज़ाकिर नगर में इमाम महदी अलैहिस्सलाम की शान में आयोजित हुई महफिल
जमशेदपुर: मानगो के ज़ाकिर नगर में शिया जामा मस्जिद में इमाम महदी अलैहिस्सलाम की शान में एक महफिल आयोजित हुई। इस महफिल में शायरों ने कसीदाखानी की। इस मौके पर इस्लामिक क्विज भी हुई। सवालों का जवाब देने वालों को इनाम दिए गए। उलेमा को शाल दे कर सम्मानित भी किया। महफिल का संचालन पेश इमाम मौलाना ज़की हैदर साहब ने किया। इनाम अब्बास ने पढ़ा- देर से ही सही है, है यह मुझको यक़ीन, करने बातिल का काम तमाम, वो शाह ए जुल्फेकार आएगा। करीम सिटी कॉलेज के प्रोफेसर आले अली ने पढ़ा- इस्राइलियों जहान में खैबर करोगे याद, सैयद हसन का आज भी ऐसा शेआर है, महदी ए दीं से खाक लड़ेगा अरब का शाह, जब नायब ए इमाम से ही खल्फेशार है। इकबाल ने पढ़ा- वह कह रहे हैं जियो मुर्तज़ा के बगैर, बताओ कैसे कोई सांस ले हवा के बगैर। ज़माने भर में फकत दर एक बुतूल का है, जहां पर मिलती है खैरात इल्तिजा के बगैर। इफ्तिखार अली ने पढ़ा- रुख ए महताब है तस्वीर ए पुरगम अब तो आ जाओ। हुई जाती है ज़ौ तारों की कम अब तो आ जाओ। रेहान ने पढ़ा- खुदा का अद्ल भरा इंतजाम बाकी है। इकबाल ने पढ़ा- सहर करीब अंधेरों को दूर होना है, ज़लील दुश्मन ए दीन को जरूर होना है। बता रही हैं यह तब्दीलियां ज़माने की, किसी वली का यक़ीनन ज़हूर होना है। महफिल में मस्जिद के पेश इमाम जनाब मौलाना ज़की हैदर, मोहम्मद सादिक अली, खुर्शीद अब्बास और ज़की अख्तर को शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया।