न्यूज़ बी: नाइजीरिया से अमेरिकी सेना बाहर निकल गई है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि मध्य पूर्व और मुस्लिम देशों में अमेरिका की पकड़ ढीली पड़ गई है। नाइजीरिया के प्रधानमंत्री ने कहा है कि अमेरिकी अधिकारी नाइजीरिया में ही बैठकर नाइजीरिया को धमका रहे थे। नाइजीरिया से कह रहे थे कि वह ईरान और रूस से अपने संबंध खत्म कर ले। वरना प्रतिबंध लगाए जाएंगे। नाइजीरिया के प्रधानमंत्री का कहना है कि इसीलिए नाइजीरिया ने अमेरिकी सेना को देश से बाहर जाने का आदेश दिया और उन्हें देश से निकाल दिया। गौरतलब है कि अमेरिका कई दशक से नाइजीरिया में मौजूद था। लेकिन, पिछले साल नाइजीरिया में सैनिक बगावत के बाद जो नई सरकार आई वह अमेरिका विरोधी है। नाइजीरिया में अमेरिका के खिलाफ लगातार प्रदर्शन भी होते रहे हैं। नाइजीरिया की जनता भी चाहती थी कि अमेरिकी सेना नाइजीरिया से निकल जाए। एक राजनीतिक विशेषज्ञ का कहना है कि अमेरिका जिस देश पर अपना नियंत्रण कायम करना चाहता है वह वहां पहले अपने पाले हुए आतंकियों अलकायदा व आईएसआईएस को भेजता है और फिर इन आतंकियों से निपटने का बहाना बनाकर उस देश में अपनी सेना भेज कर उस पर प्रभुत्व कायम करता है। ऐसा ही नाइजीरिया में हुआ था। लेकिन, नाइजीरिया के अधिकारी सब समझ गए और उन्होंने सैनिक बगावत कर अमेरिका परस्त राष्ट्रपति बुहारी को पद से हटाया और अब नाइजीरिया में सरकार बनाकर अमेरिका को बाहर निकाल दिया।