न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर: साकची के एमजीएम अस्पताल परिसर में कोरोना काल में साल 2021 में पोर्टेबल हेल्थ केयर यूनिट बनाई गई थी। पोर्टेबल हेल्थ केयर यूनिट में 100 बेड थे। ये यूनिट वातानुकूलित थी और ऑक्सीजन युक्त थी। अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन के फंड से बनी इस यूनिट में 50 लाख रुपए की लागत आई थी। लेकिन, जब से यह यूनिट बनी है एक भी मरीज इसमें भर्ती नहीं किया गया। दावा किया गया था कि कोरोना मरीजों का इलाज यहां होगा। लेकिन, इस यूनिट का इस्तेमाल नहीं हो पाया है। क्योंकि, इसमें काफी दोष पाए गए थे। यूनिट जैसे ही बनकर तैयार हुई थी इसमें ब्लास्ट हो गया था। फिर इसे ठीक किया गया। इसके बाद इसे स्वास्थ्य विभाग ने हैंड ओवर नहीं लिया था। अब इतने साल बाद इसे हटाने का फैसला हुआ है। शनिवार से इस पोर्टेबल हेल्थ केयर यूनिट को हटाने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। लेकिन, इसे बनाने में जो पैसा बर्बाद हुआ उसका क्या होगा। लोगों की मांग है कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए कि आखिर इस यूनिट को बनाने का फैसला किसका था और पैसे की बर्बादी के पीछे कौन लोग हैं। उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
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