न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : टाटा स्टील ने रविवार को विस्फोट के जरिए जमशेदपुर वर्क्स कोक प्लांट में 110 मीटर ऊंची गगनचुंबी पुरानी चिमनी और कोल टावर को गिरा दिया है। चिमनी और कोल टावर को नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल कर गिराया गया है। टाटा स्टील इससे पहले भी एक चिमनी और मॉडल रिपेयर शॉप को गिरा चुकी है। रविवार को चिमनी और कोल टावर गिराने के लिए टाटा स्टील ने अपने कांट्रैक्ट पार्टनर एडिफिस इंजीनियरिंग इंडिया और जेट डिमोलिशन साउथ अफ्रीका की मदद ली है। यह वही कंपनी है जिसने नोएडा में ट्विन टावर को गिराया था। इन्हीं दोनों कंपनियों ने विस्फोटक का इस्तेमाल कर चिमनी और कोल टावर को गिराया है।
टाटा स्टील के अधिकारियों का कहना है कि बैटरी फाइव, सिक्स और सेवन की जगह नई आधुनिक को सिक्स ए व सिक्स बी बैटरी लगाई जाएगी। यह बैटरी नवीनतम तकनीक और ऊर्जा दक्षता से लैस है और इससे पर्यावरण को भी फायदा मिलेगा। टाटा स्टील के अधिकारियों ने बताया कि कोल टावर और गगनचुंबी चिमनी को गिराने में मैकेनिकल का प्रयोग किया गया।
दोनों संरचना को 0 डिग्री पर गिराया गया है। चिमनी और कोल टावर का मलबा व धूल को नियंत्रित करने के लिए वाटर कंटेनर का इस्तेमाल किया गया। यानी प्राकृतिक बारिश कराई गई। साथ ही आसपास होने वाले कंपन को कम करने के लिए भी तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इसके लिए बर्म के साथ ट्रेंचेस बनाए गए थे। इस तकनीक के जरिए मलबे को बिखरने से बचाया गया और सारा मलबा एक ही जगह गिराया गया। मलबे का इस्तेमाल दीवार और सड़क बनाने में किया जाएगा और टाटा स्टील ने इसी साल पुराने ढांचे को गिराने का काम शुरू किया है। सबसे पहले 4 सितंबर को मॉडल रिपेयर शॉप गिराई गई थी। एक प्रयोग था मॉडल रिपेयर शॉप को विस्फोट से गिराने के सफल प्रयोग के बाद 27 नवंबर को कंपनी ने कोक प्लांट में 110 मीटर ऊंची बैटरी को गिराया था। यह भी एडिफिस इंजीनियरिंग इंडिया और साउथ अफ्रीका की कंपनी की मदद से गिराई गई थी।
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