जनता को गुमराह करने के लिए पोस्टर में लिखा गया था नगर पालिका के निवर्तमान अध्यक्ष का पद, नियमों का हो रहा था उल्लंघन
इमरान हैदर रिजवी, कौशांबी : मंझनपुर नगर नगर पालिका के चुनाव का ऐलान होते ही मंझनपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष नजीर अहमद के पुत्र महताब आलम ने जगह-जगह अपने पोस्टर लगा दिए थे।
त्योहारों की बधाई देने वाले इन पोस्टरों में महताब आलम ने अपने नाम के आगे खुद को मंझनपुर नगरपालिका का निवर्तमान अध्यक्ष होना लिखा था।
जबकि यह नियम का उल्लंघन था। क्योंकि, मंझनपुर में नगर पालिका का चुनाव पहली बार हो रहा है। तो ऐसे में महताब आलम नगर पालिका के निवर्तमान अध्यक्ष कैसे हुए। यही नहीं सरकार ने पहले ही नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए महताब आलम के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया था। महताब आलम के चुनाव के खिलाफ याचिका दायर की गई थी।
इसमें महताब आलम के खिलाफ फैसला आया था और उत्तर प्रदेश शासन के अनु सचिव बृजेंद्र सिंह और प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने आदेश जारी कर महताब आलम के निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया गया था। यानी महताब आलम मंझनपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष नहीं रहे थे। 1 दिसंबर 2017 को यह निर्वाचन शून्य घोषित किया गया था। इसके बाद से यह पद रिक्त था। इसके बावजूद महताब आलम ने पोस्टर में अपने नाम के आगे मंझनपुर नगर पालिका का निवर्तमान अध्यक्ष लिखा था। इसकी शिकायत लोगों ने प्रशासनिक अधिकारी से की थी। इसकी भनक लगते ही महताब आलम ने अपने पोस्टर से नगर पालिका के निवर्तमान अध्यक्ष के पद नाम को हटा लिया है। जानकारों का कहना है कि अगर महताब आलम अपने पोस्टर से यह पदनाम नहीं हटाते तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती थी। उनके खिलाफ जनता को बेवकूफ बनाने का मामला चल सकता था और नगर निकाय चुनाव में उनको इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। समाजसेवी मोहम्मद आदिल का कहना है कि महताब आलम अभी से लोगों को बेवकूफ बनाने के जुगत में लग गए थे। तो आगे वह जनता की क्या सेवा करेंगे।