जमशेदपुर : आदिवासियों के प्रकृति का महापर्व सरहुल पूरे उत्साह के साथ लौह नगरी जमशेदपुर में मनाया गया। गुरुवार को सुबह से ही आदिवासी समाज के लोग सरहुल को लेकर उत्साहित थे। पूजा अर्चना हुई। कुल देवता की पूजा की गई। सीतारामडेरा में आदिवासी समाज के लोगों का जमावड़ा हुआ और यहां सरहुल केंद्रीय कमेटी ने पूजन का कार्यक्रम रखा।
पूजा के इस कार्यक्रम में आदिवासी समाज की महिलाएं और पुरुष शामिल हुए। दोपहर बाद लगभग 3:00 बजे सीतारामडेरा से सरहुल की शोभायात्रा धूमधाम से निकली। शोभायात्रा में महिलाएं और पुरुष पारंपरिक नृत्य करते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा में डीजे के साथ ढोल नगाड़े भी थे। शोभायात्रा एग्रिको से होकर भालूबासा, गोलमुरी, साकची और गोलमुरी होते हुए वापस सीतारामडेरा पहुंची और यहां शोभा यात्रा समाप्त हुई। सरहुल को लेकर सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद रही। शोभायात्रा के रास्ते में पड़ने वाले चौक चौराहों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस कर्मी तैनात किए गए थे। ताकि, ट्रैफिक के चलते कहीं शोभा यात्रा का रास्ता बाधित न हो।