जमशेदपुर: साकची स्थित करीम सिटी कॉलेज के भूगोल विभाग, राष्ट्रीय सेवा योजना और कोल्हान यूनिवर्सिटी के राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में ‘विश्व जल सप्ताह’ को लेकर ‘जल संकट एवं प्रबंधन’ विषय पर केन्द्रित ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इसमें कोलकाता के पार्क सर्कस कैंपस के आलिया यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग के प्रोफेसर डॉ एकेएम अनवरुज्जमान अतिथि वक्ता के तौर पर जुडे़। साथ ही आयोजन सचिव के तौर पर कोल्हान विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ दारा सिंह गुप्ता, करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मोहम्मद रियाज़, भूगोल विभाग के प्रमुख एवं एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आले अली , सहायक शिक्षिका डॉ. फरजाना अंजुम एवं सहायक शिक्षिक, डॉ. पसारुल इस्लाम , करीम सिटी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक सैयद साजिद परवेज और तकनीकी समर्थन में एनएसएस स्वयंसेवक मानव घोष भी उपस्थित रहे। ऑनलाइन संगोष्ठी का आरंभ करीम सिटी कॉलेज के प्रधानाचार्य डा मोहम्मद रियाज़ ने स्वागत भाषण से किया। इसके बाद, कोल्हान विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ दारा सिंह गुप्ता ने विषय के महत्व पर चर्चा की और बताया कि जल संकट और इसके प्रबंधन के विषय में जानना इंसान लिए बेहद जरूरी है। अतिथि वक्ता डॉ एकेएम अनवरुज्जमान ने जल संकट के बारे में बताया कि ये एक ऐसी हालत है जहां किसी क्षेत्र के भीतर उपलब्ध पीने योग्य स्वच्छ जल उस क्षेत्र की मांग की पूर्ति ना कर सके। जल संकट का कारण बढ़ती जनसंख्या और जल संसाधनों का दुरुपयोग है। इसके प्रभाव में पीने हेतु जल की कमी होना, जल जनित बीमारियां पनपना, स्वच्छता संबंधी समस्या और जल संघर्ष का सामना मानव को करना पड़ रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि अपशिष्ट जल का पुनर्चक्रण, सिंचाई और कृषि जल उपयोग में सुधार, वर्षा जल संचयन, टिकाऊ जल प्रथाओं को जल संकट के प्रबंधन के सर्वोत्तम तरीकों में शामिल किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों को जागरूक करते हुए कहा की यदि हम जल बचाना चुनेंगे, तभी जल हमे बचा पाएगा और यह हम सभी को नैतिक जिम्मेदारी है की हम जल की रक्षा करें। फिर भूगोल विभाग के प्रोफेसर डॉ पसारुल इस्लाम ने प्रश्न-उत्तर सत्र किया एवं विद्यार्थियों के मन में उठ रहे सवालों का भली भांति जवाब दिया।
इसी बीच, भूगोल विभाग के प्रमुख , डॉ आले अली ने विद्यार्थियों को जल संकट से उत्पन्न होने वाले बीमारियों एवं उससे बचने के तरीकों के बारे में अवगत कराया। अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापन भूगोल विभाग की सहायक शिक्षिका डॉ फरजाना अंजुम ने किया। इसमें 60 से अधिक विद्यार्थियों एवं एनएसएस स्वयंसेवकों ने भाग लिया। ऑनलाइन संगोष्ठी का संचालन भूगोल विभाग के प्रमुख, डॉ आले अली ने किया।