जमशेदपुर: जनजातीय भाषा के सर्वेक्षण में कालम में कुड़माली भाषा की जगह बांग्ला भाषा दर्ज है। कुड़माली छात्र संगठन ने शुक्रवार को साकची में डीसी ऑफिस पर प्रदर्शन किया। डीसी को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि कुड़माली भाषा को सर्वेक्षण में स्थान दिया जाए। कुड़माली छात्र संगठन का कहना है कि सर्वेक्षण में संस्थाओं की संथाली, मुंडा की मुंडारी और भूमिज भाषाओं को स्थान दिया गया है। लेकिन, कुड़माली को नहीं दिया गया। गौरतलब है कि झारखंड सरकार प्राइमरी स्कूलों में जनजातीय भाषा में पढ़ाई शुरू करने जा रही है। इसी को लेकर यह सर्वे हो रहा है। ताकि, जिस गांव में जिस भाषा के बोलने वाले बच्चे हों, वहां उस भाषा का टीचर रखा जाए।