जमशेदपुर : सोनारी के आस्था हाइटेक सिटी के रहने वाले प्लाईवुड कारोबारी रवि अग्रवाल ने पहले अपनी पत्नी ज्योति अग्रवाल को बालीगुमा के करीब स्थित मिनी पंजाब होटल में दारू पिलाई और इसके बाद वेब इंटरनेशनल होटल और कांदरबेड़ा के बीच नेशनल हाईवे पर कार रोक कर पत्नी की हत्या कर दी।
दरअसल रवि अग्रवाल ने पत्नी की हत्या का पूरा प्लान तैयार कर रखा था। उसका ड्राइवर सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के बाबूडीह लाल भट्टा का रहने वाला मुकेश मिश्रा शूटर और पंकज कुमार साहनी, रोहित कुमार दुबे और एक अन्य को स्विफ्ट कार से लेकर घटनास्थल पर मौजूद था। हत्या की घटना अंजाम देने के बाद जैसे ही शूटर फ्री हुए मुकेश मिश्रा सभी को कार पर लेकर वहां से रफूचक्कर हो गया और रवि अग्रवाल अपनी पत्नी को लेकर टीएमएच पहुंचा। यहां उसने कहानी गढ़ते हुए पुलिस को बताया कि उससे रंगदारी मांगी जा रही थी और नहीं देने पर उसकी पत्नी की हत्या कर दी गई। हालांकि उसकी कहानी में काफी झोल था। पहला झोल तो यह था कि उसने रंगदारी मांगे जाने की बात बताई लेकिन जो परचा दिखाया उसमें कहीं किसी बदमाश का नाम नहीं था। बस उसमें यह लिखा था कि सोनारी के दो मोहानी में रंगदारी दे दो। अमूमन रंगदारी मांगने वाला बदमाश चिन्हित होता है और खुले आम रंगदारी मांगता है। कहानी का दूसरा झोल यह था कि अगर कोई बदमाश रंगदारी मांगता और किसी की हत्या के लिए इरादा बनाता तो वह नेशनल हाईवे पर कांदरबेड़ा से पहले नहीं रुकता। क्योंकि उसे पता नहीं रहता कि यहां रवि अग्रवाल गाड़ी रोकेंगे या नहीं। लेकिन ऐसा नहीं था। रवि अग्रवाल ने अपने शूटरों को घटनास्थल पर पहले ही तैनात कर दिया था। इसी वजह से उल्टी का नाटक कर घटनास्थल पर गाड़ी रोकी थी। कहानी के इस झोल को पुलिस भी समझ गई थी। पुलिस का काम तब आसान हो गया जब मृतका के पिता ने थाने पर आवेदन देकर रवि अग्रवाल को ही हत्यारोपी ठहरा दिया। इसके बाद पुलिस ने रवि अग्रवाल के बच्चों से पूछताछ की। इस पूछताछ में पुलिस को आगे बढ़ने का क्लू मिला और इसके बाद पुलिस ने मुकेश मिश्रा को उठा लिया। मुकेश मिश्रा के बाद रवि अग्रवाल को उठाया गया और उससे पूछताछ शुरू हुई। हत्या के सारे पेच परत दर परत खुलते गए। सरायकेला एसपी मनीष टोप्पो ने सोमवार को आदित्यपुर के ऑटो क्लस्टर में प्रेस कांफ्रेंस करने के बाद गिरफ्तारी की पूरी कहानी बताई। इसके बाद ज्योति अग्रवाल के पति रवि अग्रवाल और बाबूडीह लाल भट्टा के रहने वाले पंकज कुमार साहनी, रोहित कुमार दुबे और मुकेश मिश्रा को जेल भेज दिया। पुलिस ने बताया कि अभी मेन शूटर गिरफ्तार नहीं हुआ है। इसी फरार शूटर ने ज्योति अग्रवाल को गोली मारी थी। बदमाशों ने पुलिस को बताया कि जब उन्होंने पहली गोली ज्योति अग्रवाल पर चलाई तो वह फायर मिस हो गया था और फिर दूसरे बदमाश ने दूसरी तरफ से ज्योति अग्रवाल के सिर पर गोली मार दी थी। एसपी ने बताया कि शूटरों को 16 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। एसपी ने बताया कि इसके पहले इन्हीं शूटरों को ज्योति अग्रवाल की हत्या करने के लिए आठ लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। तब ज्योति अग्रवाल को गला रेत कर मारने का प्लान बना था। लेकिन शूटर घटनास्थल पर नहीं पहुंचे थे। इसके बाद रवि अग्रवाल ने उनसे सात लाख रुपए वापस ले लिए थे। एक लाख रुपए शूटरों के पास पड़े हुए थे। जब दूसरी बार हत्या का प्लान तैयार हुआ तो रवि अग्रवाल ने दो लाख रुपए शूटरों को दिए। इस तरह उनके पास तीन लाख रुपए पहुंचे थे। बाकी की रकम बाद में देने की बात कही गई थी। एसपी ने बताया कि रवि अग्रवाल और उसकी पत्नी ज्योति अग्रवाल के बीच रिश्ते लगभग ढाई साल से ठीक नहीं थे। कई साल से दोनों में तनातनी थी। इसी को लेकर दोनों में आपस में झगड़ा होता रहता था। हाल ही में पति-पत्नी गंगटोक गए थे। गंगटोक में भी रवि अग्रवाल ने ज्योति अग्रवाल का गला घोट कर उसे मारने की कोशिश की थी। लेकिन बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया था। इधर बीच, ज्योति अग्रवाल मायके में थी। कुछ दिन पहले ही रवि अग्रवाल समझौता करने के बाद ज्योति अग्रवाल को अपने घर लाया था। हालांकि पुलिस हत्या का कारण ठीक-ठाक नहीं बता पा रही है। पुलिस का कहना है कि दोनों के बीच मामूली झगड़ा होता था। इसी में ज्योति अग्रवाल को रास्ते से हटाने का प्लान तैयार कर लिया था। लेकिन, यह बात किसी को हजम नहीं हो रही है। लोगों का कहना है कि जरूर कोई बड़ा मामला था। जिसकी वजह से हत्या की यह संगीत वारदात अंजाम दी गई।