न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री आफ माइनॉरिटी अफेयर्स की टीम ने गुरुवार को उलीडीह में एपीजे कलाम हाई स्कूल में छात्रवृत्ति की जांच की। कलाम हाईस्कूल में जांच में सब कुछ ठीक-ठाक पाया गया। जिन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा रही है वह जरूरतमंद है और प्रतिदिन स्कूल आते हैं। केंद्र सरकार ने गड़बड़ी की आशंका में झारखंड में कई जिलों में छात्रवृत्ति की जांच का आदेश दिया है। इसी के बाद नेशनल काउंसिल आफ अप्लाइड इकोनामिक रिसर्च की टीम छात्रवृत्ति के लाभुकों की पड़ताल कर रही है। जिले में 25 स्कूलों के लगभग 600 छात्रों की जांच की जाएगी।
बुधवार को टीम ने जवाहर नगर के हनफिया स्कूल, मदरसा हनफिया, सनराइज स्कूल और एमओ एकेडमी स्कूल में जांच की थी। शुक्रवार को भी टीम साकची में सेंट्रल करीमिया स्कूल समेत कई स्कूलों की जांच करेगी। मिनिस्ट्री आफ माइनॉरिटी अफेयर की तरफ से अल्पसंख्यक स्कूलों और मदरसों में प्री मैट्रिक के कक्षा एक से कक्षा 5 तक के छात्रों को 1000 रुपए, प्रति वर्ष कक्षा 5 से कक्षा 9 तक के छात्रों को 2000 रुपए से 5000 रुपए प्रति वर्ष और कक्षा 10 से ग्रेजुएट तक के छात्रों को 5000 रुपए से 13 हजार 500 रुपए तक और तकनीकी शिक्षा के लिए 13500 रुपए से 22500 रुपए तक छात्रवृत्ति दी जाती है। छात्रवृत्ति स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बेगम हजरत महल के नाम पर मंत्रालय ने जारी की है। एपीजेए कलाम स्कूल में जांच के दौरान स्कूल के डायरेक्टर मोहम्मद ताहिर हुसैन चेयरमैन अफरोज शकील समेत अन्य अध्यापक मौजूद थे। जांच टीम में अविनाश के अलावा आशीष शुक्ला, विनीता गोप, आदित्य कुमार आदि शामिल थे।