Ranchi : (Kudmi Society) लेखक सुनील महतो ने आदिवासी कुड़मी समाज के इतिहास पर एक किताब लिखी है। इस किताब का नाम ‘वृहद छोटा नागपुर के आदि बुनियाद’ है। यह पुस्तक आदिवासी कुड़मी समाज ( Kudmi Society) के केंद्रीय महासचिव सुनील कुमार गुलियार ने लिखी है। सुनील कुमार गुलियार ने यह पुस्तक झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार को भेंट की है।
इसे भी पढ़ें – Israel Gaza War : यमन ने इसराइली जहाजों पर लगाई पाबंदी, आन कर दिए अपने राडार
किताब में Kudmi Society के साथ साजिश का जिक्र
सुनील कुमार गुलियार ने बताया कि इस पुस्तक में वृहद छोटा नागपुर के आदिवासी कुड़मियों के साथ रची गई साजिशों का जिक्र है। बृहद छोटा नागपुर में सबसे पुराने आदिवासी कौन हैं। जनजाति, अनुसूचित जनजाति और आदिवासी में क्या फर्क है। इसकी भी जानकारी इस किताब में दी गई है। सीएनटी एक्ट 1908 के पहले भी कुड़मियों को जमीन की सुरक्षा के लिए कानून बनाया गया था। यह कौन सा कानून था। इस एक्ट का क्या नाम था। इसकी जानकारी भी किताब में दी गई है। यह एक्ट किन लोगों के लिए बनाया गया था। सीएनटी एक्ट 1908 में कब-कब छेड़छाड़ की गई, या छेड़छाड़ की कोशिश की गई। इन सभी तथ्यों को भी इस किताब में रखा गया है।
आदिवासी परंपरा बताती है किताब
आदिवासियों की परंपराएं क्या हैं। पैतृक संपत्ति में महिलाओं को हिस्सेदार क्यों नहीं बनाया गया है। यह बातें भी इस किताब में बताई गई हैं। संविधान लागू होने के साथ ही आदिवासियों की जनसंख्या को हमेशा कम दिखाया गया है। आदिवासियों के साथ यह साजिश की गई है। ऐसा क्यों किया गया। इसकी व्याख्या किताब में उपलब्ध है। आदिवासियों के धर्म के कालम को जनसंख्या के कालम से हटाया गया। ऐसा क्यों किया गया। जिस जनजाति को 1950 के पहले आदिवासी नहीं माना जाता था। उन्हें भी आदिवासियों की सूची में डाल दिया गया। सुनील कुमार गुलियार ने बताया कि आदिवासी समाज का इतिहास जानने के लिए यह पुस्तक काफी उपयोगी साबित होगी। उन्होंने राज्यपाल को यह पुस्तक भेंट की और साथ में उच्च न्यायालय के अधिवक्ता हरेंद्र कुमार महतो, अधिवक्ता अहिल्या महतो और आदिवासी कुड़मी समाज के पदाधिकारी मणिलाल महतो भी इस मौके पर उपस्थित थे।