जमशेदपुर : आदिवासी संगठन भारत जकात मांझी परगना महाल झारखंड पनत कमेटी ने शनिवार को साकची स्थित डीसी ऑफिस पर प्रदर्शन किया। डीसी ऑफिस पर प्रदर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को संबोधित ज्ञापन डीसी अनन्य मित्तल को सौंपा है। ज्ञापन में 14 मांगें की गई हैं। इनमें सबसे प्रमुख मांग है कि झारखंड राज्य में पांचवी अनुसूची के नियम को सख्ती से लागू किया जाए।
इस नियम के तहत बिना ग्राम सभा की अनुमति के बिना प्रशासन और सरकार आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में कोई भी कानून लागू नहीं कर सकती। कहा गया है कि पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के तहत घोषित पेशा क्षेत्र में ग्राम सभा की बैठकों की अध्यक्षता गलत तरीके से ग्राम प्रधान कर रहे हैं। इन बैठकों की अध्यक्षता मानकी, मुंडा, माझी, परगना बाबा आदि से कराई जाए। गिरिडीह जिला के पारसनाथ पहाड़ में संथाल समाज का अंतरराष्ट्रीय धार्मिक धरोहर मरांग बुरू को जैन के कब्जे से मुक्त कराया जाए। प्राथमिक विद्यालय से लेकर विश्व विद्यालयों तक 75000 संथाली शिक्षकों व प्रोफेसर की नियुक्ति की जाए। उन आदिवासियों जिन्होंने दूसरा धर्म अपना लिया है उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त किया जाए। दूरदर्शन और झारखंड के टीवी चैनलों पर 24 घंटे संथाली भाषा में दैनिक खबर और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रसारण हो।