जमशेदपुर: जमशेदपुर में गुरुवार को ईद ए मेराज का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मुसलमानों ने नए कपड़े पहने और पैगंबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे वआलेही वसल्लम की मेराज का जिक्र किया। नजर व नियाज देकर गरीबों में खाना वितरित किया गया। जगह-जगह प्रोग्राम आयोजित कर मेराज की जानकारी दी गई। मानगो के ज़ाकिर नगर में इमामबाड़ा हजरत अबू तालिब अलैहिस्सलाम में महफिल का आयोजन हुआ। महफिल के इस आयोजन में स्थानीय शायरों ने कसीदे पढ़े। पेश इमाम मौलाना जाकी हैदर ने कसीदा पढ़ा तो लोग वाह वाह कहने लगे। एक शायर ने पढा- वह शबे मेराज पहुंची अर्श पर अहमद के साथ, यह है नालैन ए पयंबर की फजीलत देखिए। इनाम अब्बास ने कसीदा पढ़ा- मुस्तफा के चाहने वाले फकत हम ही नहीं, अर्श वालों ने भी महफिल में की शिरकत देखिए। अफसर हुसैन ने पढ़ा- सितारे जगमगाते हैं शबे मेराज आई है, सभी खुशियां मनाते हैं शबे मेराज आई है। इफ्तिखार अली ने पढ़ा अदब के साथ में जिब्रील भी रब्बे दो आलम का, यही पैगाम लाते हैं शबे मेराज आई है।
बाद में मौलाना मोहम्मद सादिक अली ने मेराज का वाकया बयान किया। उन्होंने कहा कि अल्लाह ने अपने प्यारे रसूल हजरत मोहम्मद मुस्तफा को अर्श पर बुलवाया। साथ में सवारी भी भेजी। जिब्रील को भी भेजा। जिब्रील पैगंबर अकरम को लेकर अर्श पर पहुंचे। मौलाना मोहम्मद सादिक अली ने बताया कि हजरत मोहम्मद मुस्तफा को नालैन के साथ अर्श पर बुलाया गया। महफिल के बाद सभी ने एक दूसरे को गले लगा कर मुबारक बाद दी।