भोपाल: मध्य प्रदेश चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। मध्य प्रदेश की 230 सीटों पर जीत का परचम लहराने के लिए दोनों दलों के नेता जोर आजमाइश में जुटे हुए हैं। मध्य प्रदेश में 5 करोड़ 52 लाख मतदाता अपनी आगामी सरकार बनाने के लिए वोट देंगे। इनमें दो करोड़ 85 लाख पुरुष और 2 करोड़ 67 लाख महिला मतदाता हैं। 18.86 लाख मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार अपने वोट का प्रयोग करेंगे। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होगा और 3 नवंबर को मतगणना होगी। मध्य प्रदेश में 29 महत्वपूर्ण विधानसभा सीटें हैं, जिन पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं की इज्जत दांव पर लगी हुई है। बुधनी विधानसभा सीट अभी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कब्जे में है। शिवराज सिंह चौहान ने इसे अपने घर के रूप में स्थापित किया है। शिवराज सिंह चौहान यहां से साल 2008, 2013 और 2018 का चुनाव जीत चुके हैं। छिंदवाड़ा सीट कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सीट है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साल 2019 में हुए उपचुनाव में इस सीट से अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता था। यह सीट छिंदवाड़ा लोकसभा सीट का हिस्सा है। यहां से कमलनाथ ने 9 बार जीत का रिकॉर्ड बनाया है। केंद्रीय कृषि मंत्री भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। इन्हें इस बार भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में पेश किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार हैं। यहां से साल 2013 और 2018 के चुनाव में प्रहलाद सिंह पटेल के छोटे भाई जालम सिंह पटेल जीते थे। मंडला जिले के निवास विधानसभा सीट से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भाजपा के उम्मीदवार हैं। इंदौर वन विधानसभा सीट से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय चुनाव मैदान में हैं। दतिया विधानसभा सीट से राज्य के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा चुनाव लड़ रहे हैं। लहार विधानसभा से विपक्ष के नेता कांग्रेस के डॉक्टर गोविंद सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। हरसूद विधानसभा सीट से राज्य के वन मंत्री विजय शाह चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह सांवेर, सांची, ग्वालियर, सुर्खी, राघोगढ़ आदि सीटों पर भी कांग्रेस और भाजपा के महत्वपूर्ण नेता चुनाव लड़ रहे हैं। इन सीटों पर सभी की नजरे गड़ी हुई हैं।