जमशेदपुर : टेल्को में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टेल्को मस्जिद कमेटी ने चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है। लेकिन चुनाव के ऐलान के साथ-साथ एक खेल कर दिया है। खेल यह है कि इस चुनाव में मस्जिद में नमाज पढ़ने आने वाले बारी नगर के सभी लोग वोट नहीं दे सकते। सिर्फ वही लोग वोट दे सकते हैं जो टाटा मोटर्स के कर्मचारी हैं। आम जनता में इसका विरोध हो गया है। लोगों का कहना है कि वह चंदा देते हैं। इससे मस्जिद का काम होता है। पेश इमाम की तनख्वाह दी जाती है।जब मस्जिद में उनका चंदा लिया जा सकता है तो फिर उन्हें वोट देने का अधिकार क्यों नहीं। लोगों की मांग है कि आम जनता को जो मस्जिद में चंदा देते हैं उनको वोट देने का अधिकार होना चाहिए।
टेल्को मस्जिद कमेटी के सचिव जावेद अख्तर ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 12 अक्टूबर को हुई आमसभा में तय हुआ था कि वर्तमान मस्जिद कमेटी अच्छा काम कर रही है। इसी कमेटी को साल 2028 तक के लिए चुन लिया जाए। सभी ने इसका समर्थन किया था। लेकिन, महमूद आलम और मोहम्मद तौहीद ने इस फैसले का विरोध करते हुए एक समानांतर कमेटी बना ली थी। इस वजह से विवाद शुरू हो गया है। इसीलिए मस्जिद कमेटी ने फैसला किया है कि एसडीओ कार्यालय के निर्देशों के अनुरूप जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को सूचना देते हुए मस्जिद कमेटी का चुनाव कराया जाएगा। एसडीओ की हरी झंडी मिलने के बाद मस्जिद कमेटी चुनाव का शेड्यूल जारी करेगी। मस्जिद कमेटी ने कहा है कि टाटा मोटर्स और मस्जिद कमेटी के नियमों के अनुसार चुनाव में टाटा मोटर्स के कर्मचारी ही हिस्सा ले सकेंगे। जब कि इसका विरोध हो रहा है। लोगों का कहना है कि जो लोग मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं, उनको वोटिंग में हिस्सा लेने दिया जाए। लोगों का कहना है की बारी नगर की जनता चंदा देती है। इसी से मस्जिद में सारा काम होता है। इसलिए जनता को वोटिंग का अधिकार होना चाहिए।