इमरान हैदर रिजवी, कौशांबी: कौशांबी की बेटी सुनीता ने कुवैत में आयोजित एशियन यूथ चैपियनशिप में 3 हज़ार मीटर की रेस में सिल्वर पदक जीत कर वापस लौटी तो, उनका लोगो ने जगह जगह फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया। इस दौरान ज़िलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक समेत गणमान्य लोग मौजूद रहे। इसका आयोजन यूथ ओलंपिक के अध्यक्ष अरुण केशरवानी ने किया।
मंगलवार को जनपद लौटी सुनीता का मुख्यालय मंझनपुर में जगह जगह फूल मालाओं से स्वागत किया गया। लोगो ने सुनीता पर गुलाब के फूल की पंखुड़ियों की वर्षा कर अभिवादन किया। इस दौरान मौजूद रहे लोगो ने वंदे मातरम और भारत माता की जय के गगनभेदी नारे लगाए। युवा ही नही बड़े बुजुर्ग भी रेस जीत कर देश का झंडा ऊंचा करने वाली सुनीता को देखना चाहते थे। यहां जुलूस ओलंपिक संघ के अध्यक्ष के आवास से निकल कर ज़िला स्टेडियम में समाप्त हुआ। कहते है की अगर हौसला बुलंद हो तो हर मंज़िल आसान नज़र आती है। मंझनपुर तहसील क्षेत्र के बरई बधवा गाँव की रहने वाली सुनीता देवी के साथ भी कुछ ऐसा ही है। उनकी परवरिश भी बेहद ग़रीब परिवार में हुई। उनके पिता चुन्नी लाल पहले खेतो में काम करते थे। इसके बाद उन्होंने गाँव मे ही बांस- बल्ली किराए में देने की छोटी सी दुकान चलाने लगे। पिता के साथ सुनीता भी उनका हाथ बटाती थी। सुनीता शुरू से ही मेहनती लड़की थी। उसने प्राइमरी में आयोजित होने वाली रेस में हमेशा अवल आती थी। लेकिन उसके खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था नही हो पाती थी। इसी दौरान पता चला की ज़िला स्टेडियम में एक आयोजन है जिसमे सेलेक्शन के बाद लखनऊ में पढ़ा-लिखाई के साथ ही स्पोर्ट की ट्रेनिग भी दी जाएगी। इसमें सुनीता का सेलेक्शन हो गया। जिसके बाद सुनीता 2017 से लागतार लखनऊ में रह कर रेस की ट्रेनिग करने लगी। बीच मे अचानक कोविड महामारी के चलते उसको वापस गाँव लौटना पड़ा। जहा पर उसकी ट्रेनिग रुक गयी। घर के हालात भी ठीक नही थे, लेकिन सुनीता के हौसले बुलंद थे। उसने जिला स्टेडियम मंझनपुर पहुच कर ट्रेनिग शुरू की। क्रीड़ा अधिकारी रुस्तम खाँ ने रेस की बारीकियां बताई। इसके बाद सुनीता के क़दम नही रुके। उसने पहले भोपाल में गोल्ड पदक जीता। इसके बाद उसने कुवैत में सिल्वर पदक जीता कर देश, प्रदेश और जनपद का नाम रौशन कर दिया।
भोपाल में गोल्ड जितने पर उसका सेलेक्शन कुवैत में आयोजित होने वाली एशियन यूथ चैंपियनशिप में हो गया था। उस समय भी बिटिया के हौसले को उड़ान देने के लिए ओलंपिक संघ के अध्यक्ष अरुण केशरवानी और ज़िला क्रीड़ा अधिकारी रुस्तस्मा खा ने सुनीता का सहयोग किया था। उन्होंने अपनी तरफ़ से कुवैत का टिकट कराया, इतना ही नही उन्होंने प्रयास कर अन्य कई लोगो से सहयोग राशि दिलाई। इसी कड़ी में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने भी 51-51 हज़ार की सहयोग राशि देने की घोषण किया।