मारिया, नई दिल्ली : ईरान को लेकर पूरे विश्व का मीडिया भ्रम फैलाने में जुटा हुआ है। हिजाब के विरोध में छोटे-मोटे प्रदर्शन को भी बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। जबकि, हिजाब के पक्ष में होने वाले बड़े प्रदर्शन की तस्वीरें लगाकर इसको भी विरोध प्रदर्शन बताया जाता है।
लेकिन, जो तस्वीरें लगाई जाती हैं वह खुद मीडिया की पोल खोल रही हैं। तस्वीरें बता रही हैं कि मीडिया किस तरह भ्रम फैलाकर इस्लाम की छवि को नुकसान पहुंचाने की नाकाम कोशिश कर रहा है। 12 अक्टूबर को देश के एक बड़े मीडिया संस्थान कहे जाने वाले अखबार ने एक फोटो छाप कर बताया है कि ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इंटरनेट सेवा ठप है।
जबकि ऐसा कुछ नहीं है। जिस प्रदर्शन की तस्वीर लगाई गई है, वह हिजाब के पक्ष में निकाला गया मार्च है।
इसमें एक महिला ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता सैयद अली खामनाई की तस्वीर लगी पोशाक पहने हुए है। इसके अलावा, महिला खुद हिजाब में है। समझने वाली बात है कि अगर महिला हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है तो वह खुद हिजाब में क्यों रहेगी। साथ ही उसकी पोशाक पर ईरान के सर्वोच्च नेता की तस्वीर क्यों होगी।
यही नहीं महिला ईरान का झंडा भी लिए हुए है। बताते हैं कि ईरान में कई शहरों में हिजाब के पक्ष में महिलाओं ने बड़े प्रदर्शन किए हैं। इनमें काफी भीड़ उमड़ी है। जबकि विरोध प्रदर्शन में चंद महिलाएं रहती थीं। यह वह महिलाएं होती थीं जो विदेशी ताकतों की एजेंट हैं। विरोध में जो प्रदर्शन हो रहा है उसमें पुरुषों की संख्या ज्यादा होती है। यही नहीं इन विरोध प्रदर्शनों में शामिल एक – दो को छोड़कर महिलाएं भी हिजाब में होती हैं।