न्यूज़ बी : युद्ध विराम की अवधि समाप्त होते ही इसराइल ने गजा में फिर नरसंहार शुरू कर दिया है। इसराल की हवाई सेना गजा के नागरिक ठिकानों पर आक्रमण कर रही है। न केवल आवासीय इमारतों को निशाना बनाया जा रहा है, बल्कि स्कूल, अस्पताल और यहां तक की शरणार्थी कैंप पर भी हमले हो रहे हैं। इसराइल ने ताजा अटैक उत्तरी गजा में जबलिया शरणार्थी कैंप पर किया। इसके अलावा, जबलिया से थोड़ी दूर अल्फ़लूजा इलाके में गजा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुफियान तैह के घर को भी इसराइल ने निशाना बनाया है। इस हमले में प्रोफेसर सुफियान तैह और उनके परिवार के अन्य सदस्यों की हत्या कर दी गई है। बताते हैं कि प्रोफेसर सुफियान तैह विश्व के टॉप रिसर्चर में एक थे। उन्हें अरब वैज्ञानिकों की तरफ से अब्दुल हमीद शोमन अवार्ड मिला था। थ्योरेटिकल फिजिक्स और एप्लाइड मैथ में वह पीएचडी थे और यूनेस्को में फिजिक्स, ऐस्ट्रोनोमी और स्पेस साइंस के चेयरपर्सन नियुक्त किए गए थे। गजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि युद्ध विराम से अब तक इजरायल के हमले में 240 से अधिक नागरिक मारे गए हैं और 589 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
इस तरह 7 अक्टूबर के बाद हो रहे इजरायली हमलों में अब तक 15000 से अधिक नागरिक मारे जा चुके हैं। जबकि 30000 लोग घायल हुए हैं। गजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इसराइल गजा में न केवल आम नागरिकों की हत्या कर रहा है। बल्कि चुन चुन कर बुद्धिजीवियों को भी मार रहा है। डॉक्टर, प्रोफेसर और पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि यह पहला युद्ध है जिसमें सैकड़ो की संख्या में पत्रकार मारे गए है। इससे दुनिया भर में एक बार फिर इसराइल के प्रति क्रोध बढ़ रहा है। इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर युद्ध अपराधी होने के आरोप लग रहे हैं और इंटरनेशनल कोर्ट पर उनके खिलाफ केस चलाने की बात हो रही है। आरोप है कि इसराइल युद्ध के नियमों का पालन नहीं कर रहा है। जेनेवा कन्वेंशन के अनुसार उसे युद्ध हमास से लड़ना चाहिए। नागरिक ठिकानों पर बमबारी कर नागरिकों की हत्या नहीं करनी चाहिए।