शिक्षक बहाली परीक्षा में देवनागरी व रोमन लिपि में कॉपी लिखने की निर्देश के खिलाफ आदिवासियों ने साकची में डीसी ऑफिस पर किया प्रदर्शन
जमशेदपुर: झारखंड में एक बार फिर हो ओलचिकी लिपि को मान्यता देने का मुद्दा गरमा गया है। सरकार 13 अक्टूबर को शिक्षक बहाली को लेकर परीक्षा आयोजित करने जा रही है। इसके लिए जो प्रवेश पत्र वितरित किया गया है, उसमें एक नोट लिखा गया है कि अभ्यर्थी सिर्फ देवनागरी और रोमन लिपि में उत्तर पुस्तिका लिखेंगे। तभी मान्य होगा। इसके खिलाफ आदिवासी समाज के लोगों ने साकची स्थित डीसी ऑफिस पर प्रदर्शन किया और डीसी को संबोधित ज्ञापन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजा। इसमें कहा गया है कि सरकार ओलचिकी लिपि को भी मान्यता दे। आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि ओलचिकी लिपि को ओडिशा समेत कई राज्यों में मान्यता मिली है और झारखंड में जहां आदिवासी बहुसंख्यक हैं, वहां ओलचिकी लिपि पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि रोमन और देवनागरी लिपि में परीक्षा कराने की बात करना और इस संबंध में नोट जारी करना सरकार को चिढ़ाने वाला काम है।
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