रविदास महासभा ने 20 जनवरी को राजभवन के सामने धरने का किया ऐलान
न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची : सरकार ने रांची नगर निगम के मेयर पद को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित कर दिया है। इससे अनुसूचित जाति वर्ग नाराज हो गया है। रविदास महासभा ने कांटाटोली के रविदास मोहल्ले के सामुदायिक भवन में एक बैठक कर सरकार का विरोध करने का ऐलान किया है। टिंकू राम की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में फैसला लिया गया कि 20 जनवरी को रविदास महासभा राजभवन के पास महाधरना देगा।
यह भी पढें – वाराणसी से 13 जनवरी को सबसे लंबे रिवर क्रूज गंगा विलास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिखाएंगे हरी झंडी
सरकार पर लगाया अनुसूचित जाति के लोगों को धोखा देने का आरोप
रविदास महासभा के प्रदीप रवि ने बताया कि झारखंड सरकार लगातार अनुसूचित जाति के लोगों को धोखा देने का काम कर रही है। इस बार रोस्टर के अनुसार रांची नगर निगम का मेयर पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होना चाहिए था। मेयर पद को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने की बात की घोषणा भी की गई थी। लेकिन बाद में आनन-फानन टीएससी की बैठक करने के बाद मेयर पद को अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व कर दिया गया।
2 साल से बंद है अनुसूचित जाति आयोग
प्रदीप रवि ने बताया कि झारखंड राज्य अनुसूचित जाति आयोग को 2 वर्षों से बंद कर दिया गया है। आयोग का ना ही कोई अध्यक्ष है, ना ही कोई सदस्य। झारखंड के गजट में सरकार ने अनुसूचित जाति शब्द हटाकर मूलनिवासी कर दिया है।
महाधरना के लिए संचालन कमेटी गठित
महाधरना के लिए संचालन कमेटी का भी गठन किया गया। इस संचालन कमेटी में टिंकू राम, संदीप राम, प्रदीप रवि, मोहन राम, सुहेल राम, राजेश राम, अशोक राम, मधुसूदन कुमार, विनोद राम, कृष्णा राम, विनय कुमार दास, मुन्ना राम, दीपू राम और संजय राम को सदस्य के तौर पर रखा गया है।
प्रदीप रवि ने किया बैठक का संचालन
बैठक का संचालन प्रदीप रवि ने किया। बैठक में रविदास महासभा के अध्यक्ष दीपक कुमार रवि, महामंत्री दीपक राम, कांटाटोली के टिंकू राम, संजीव, संदीप राम, दीपू राम, संजय राम, नया टोली के अमरदीप राम, प्रदीप रवि, संतोष रवि आदि मौजूद थे।