न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : एक तरफ जहां डॉक्टर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं और लोगों के द्वारा डॉक्टरों के साथ अभद्रता करने का आरोप लगा रहे हैं, तो वहीं डॉक्टरों द्वारा की जा रही लापरवाही और मरीजों के साथ अभद्रता पर उनकी जबान नहीं खुलती। एमजीएम अस्पताल में बुधवार को एक ऐसा मामला सामने आया, जिसके बाद मरीज के परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। मामला पटमदा के बारूडीह की रहने वाली गर्भवती महिला का है। महिला की एमजीएम अस्पताल में 3 फरवरी को नॉर्मल डिलीवरी हुई थी। नॉर्मल डिलीवरी के बाद भी डॉक्टर ने महिला का 3 बार आपरेशन किया। महिला को काफी तकलीफ है और अभी तक डॉक्टर महिला की तकलीफ दूर नहीं कर पाए। यही नहीं डॉक्टर ने जब पहला ऑपरेशन किया तो मरीज के परिजनों को बुलाकर कहा कि वह घबराए नहीं कोई हंगामा नहीं करे। महिला को ठीक कर दिया जाएगा। लेकिन जब 3 बार ऑपरेशन के बाद भी महिला ठीक नहीं हुई तो उसके पति को बुलाकर धमकी दी गई कि अगर कहीं शिकायत की तो फिर तुम खुद हालात के जिम्मेदार होगे। बाद में अब डॉक्टर कह रहे हैं कि वह महिला को ले जाकर अन्यत्र कहीं इलाज कराएं। इसके बाद महिला के पति ने मामले से भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विमल बैठा को अवगत कराया।
विमल बैठा बुधवार को एमजीएम अस्पताल पहुंचे और अस्पताल अधीक्षक से मिलकर मामले की जांच कराने की मांग की। विमल बैठा ने जब अधीक्षक से सवाल किया कि जब नॉर्मल डिलीवरी हुई है तो फिर महिला का 3 बार ऑपरेशन किन हालात में किया गया और महिला क्यों नहीं ठीक हो रही है। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने लापरवाही बरती है और मामले की जांच कर डॉक्टर पर कार्रवाई होनी चाहिए।
गौरतलब है कि जमशेदपुर में इधर 5-6 साल में डाक्टरों की लापरवाही के कई मामले सामने आए। कई मामलों में प्राथमिकी तक दर्ज हुई। एक मामले में तो डीसी के आदेश पर जांच तक हुई। लेकिन, किसी भी डॉक्टर के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। मरीजों का आरोप है कि एमजीएम अस्पताल में तो डॉक्टर मरीजों के साथ अभद्र व्यवहार तक करते हैं। मरीजों को डांट डपट कर बात की जाती है।
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