ज़िक्र अली करना इबादत: मौलाना तहजीबुल हसन
न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची: पैगंबर मुहम्मद(स) के दामाद हजरत अली की शहादत पर मस्जिद जाफरिया रांची में शोक सभा(मजलिस गम) का आयोजन किया गया। तीन दिवसीय मजलिस गम के तीसरी मजलिस को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड झारखंड के अध्यक्ष, खतीब व इमाम मस्जिद जाफरिया रांची व सदस्य हज कमेटी झारखंड हजरत मौलाना सैयद तहजिबुल हसन रिजवी ने कहा कि ए लोगो ज़िक्र अली करना इबादत है। पैगंबर मुहम्मद (स) ने कहा अपनी मजलिसो को खूबसूरत बनाओ जिक्र अली से। कियूंकी जिक्र अली करना इबादत है। जिसका जिक्र करना इबादत हो उसका व्यक्तित्व कैसा होगा? ज़माने में अगर सच्चाई के साथ जीना है तो अली की राह पर चलना सीखो। मौला अली ने कहा कि जो सच्चाई के साथ रहता है उसे कभी भी अपमानित नहीं किया जा सकता है। अली का हत्यारा(कातिल) यह सोच रहा था कि अली को मारने के बाद कोई अली का नाम नहीं लेगा, जिक्र अली खत्म हो जाएगा। लेकिन अली की शहादत के बाद जमाने में अली का जिक्र आम हो गया। मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) दुनिया में किसी के भाई नहीं हैं, लेकिन हज़रत अली वह शख्स हैं जिन्हें पैगंबर मुहम्मद (सल्ल)ने अपना भाई बनाया। जब अली का दूसरा नहीं हो सकता तो मुहम्मद अरबी जैसा कैसे हो सकता है? आप सभी को पता होना चाहिए कि शहादत के बाद मौत नहीं, जिंदगी है। आज से चौदह सौ साल पहले, हजरत अली पर कातिल अब्दूर रहमान ने हमला किया था, जब वह मस्जिद कुफा में नमाज़ पढ़ रहे थे। उनकी शहादत रमजान की 21 तारीख को हुई। शहादत अली की याद में पूरी दुनिया में मातम मनाया जाता है। मजलिस के बाद हजरत अली का ताबूत निकाला गया। या अली, मौला अली, से प्रिसर गूंज उठा। तीन दिवसीय मजलिस-ए-ग़म का आयोजन सैयद मेहदी इमाम व ज़फ़रुल-हसन ने किया। मजलिस की शुरुआत मौलाना बाकिर रजा दानिश द्वारा कुरान की तिलावत से हुई। सोज ख्वानी सैयद अत्ता इमाम रिजवी, पेश ख्वानी कासिम अली, सैयद नेहाल हुसैन, हसनैन, अमूद अब्बास, कमर बिलग्रामी ने पेश किया। मौके पर हाजी इकबाल हुसैन, सैयद मेहदी इमाम, अशरफ हुसैन, इब्राहिम, एस एम अब्बास, जावेद हैदर, अली हसन फातेमी, इकबाल फातेमी, सैयद हसनैन जैदी, सैयद फराज अब्बास, सैयद समर अली सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। बाद मजलिस मातम व नोहा खानी हुई।
इसे भी पढ़ें- इमाम अली अलैहिस्सलाम की शहादत पर देश भर में शिया समुदाय मना रहा गम, आयोजित की जा रही मजलिसें
Pingback : साकची में हजरत अली की शहादत को लेकर आयोजित की गई मजलिस, लोगों ने की ताबूत की जियारत - News Bee
Pingback : जमशेदपुर में पूरे अकीदत से मनाया गया हजरत अली का शहादत दिवस, मुस्लिम इलाकों में फैली रही गम की चाद