न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : बिहार झारखंड कला संस्कृति मंच ने जमशेदपुर में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फैसला किया है कि आने वाले दिनों में जहां भी टुसू मेला होगा वहां किसी की मूर्ति नहीं लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी प्रकृति पूजक है। लेकिन कुछ सालों से टुसू मेले में मूर्ति का प्रचलन हो गया है। इसे खत्म किया जा रहा है। उन्होंने रविवार को आयोजित टुसू मेला के कार्यक्रम के सफल होने पर जिला प्रशासन को धन्यवाद भी दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद दिलीप कुमार महतो ने बताया कि आदिवासी परंपरा में मूर्ति के लिए कोई जगह नहीं है। कुछ दिनों से गोपाल मैदान में टुसू कार्यक्रम में मूर्ति तैयार कर दी जाती थी। लेकिन, अब मूर्ति नहीं लगाई जाएगी। चौड़ल निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि टुसू मेला के अन्य संस्कृति के संपर्क में आने के बाद से टुसू मेला में मूर्ति का प्रयोग शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि रविवार को हुए टुसु मेला के कार्यक्रम में 300 से अधिक चौड़ल आया। कार्यक्रम में मूर्ति वर्जित थी। मंच ने घोषणा की है कि हर साल जनवरी के पहले सप्ताह के पहले रविवार को डहरे टुसू परब का जमशेदपुर में आयोजन किया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में नरेश महतो, शरद महतो, अनिल महतो, दीपक, रंजीत आदि मौजूद थे।