जमशेदपुर : धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के निर्माण में पेच फंसा हुआ है। सांसद विद्युत वरण महतो ने मंगलवार को लोकसभा में धालभूमगढ़ एयरपोर्ट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण मूल्यांकन समिति ने कहा है कि जहां एयरपोर्ट बन रहा है वह हाथियों का निवास स्थान है। उसे हाथी गलियारा के रूप में जाना जाता है और यह कहते हुए एयरपोर्ट निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया। इससे एयरपोर्ट निर्माण ठंडे बस्ते में चला गया। सांसद ने कहा कि राज्य सरकार ने लिख कर दे दिया है कि इस इलाके में हाथी नहीं हैं। इसके बावजूद पर्यावरण मूल्यांकन समिति एयरपोर्ट के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं जारी कर रही है। संसद में केंद्र सरकार से मांग की गई कि राज्य सरकार से बात कर केंद्र सरकार अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कराए। ताकि एयरपोर्ट का निर्माण हो सके। सांसद विद्युत वरण महतो ने लोकसभा को बताया कि एयरपोर्ट बन जाने से सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि आसपास के इलाकों खड़गपुर, मिदनापुर, झाड़ग्राम, पुरुलिया और ओडिशा के बारीपदा, मयूरभंज और बालेश्वर को भी लाभ होगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट निर्माण के लिए 100 करोड रुपए आवंटित किए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और जयंत सिन्हा ने साल 2019 में एयरपोर्ट निर्माण का शिलान्यास किया था। लेकिन इसके बाद निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका।
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