पूरे अकीदत के साथ मनाया गया इमाम हुसैन का सेवम
न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : मंझनपुर में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का सेवम पूरे अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया। मंझनपुर में डॉ सैयद मुर्तजा हैदर रिजवी मरहूम के इमामबाड़े से जुलजनाह और ताबूत का जुलूस निकला। यह जुलूस मंझनपुर के मुख्य सड़क और कदीमी रास्तों से होता हुआ करबला पहुंचा।
फिर कर्बला से वापस इमामबाड़ा आकर खत्म हुआ। जुलूस के दौरान नौहाखानी हुई और सीनाजनी हुई।
जुलूस निकलने से पहले जनाब मौलाना कौसर अब्बास ने मजलिस पढ़ी। मजलिस में उन्होंने दीन में इमाम हुसैन की अहमियत को बताया। मौलाना ने बताया कि जब इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के वालिद इमाम अली अलैहिस्सलाम पैगंबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा स की जान बचाने के लिए हिजरत की रात उनके बिस्तर पर सोए थे। तो अल्लाह तआला ने हजरत अली का नफ्स खरीद कर उन्हें अपनी मर्जी बेच दी थी।
मंझनपुर में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का सेवम
अल्लाह पाक ने हज़रत अली अलैहिस्सलाम का नफ्स खरीद लिया है। यानी अगर कोई हज़रत अली अलैहिस्सलाम पर तलवार चलाता है या इमाम हसन और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम पर तलवार चलाता है तो समझिए कि उसने अल्लाह पर तलवार चलाई। मौलाना कैसर अब्बास ने इमाम हुसैन की शहादत बयान की तो लोग जारो कतार रोने लगे।
मौलाना ने बताया कि किस तरह इमाम हुसैन को तीन दिन का भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया और इसके बाद उनके खेमे में आग लगाई गई। औरतों और बच्चों को कैद कर लिया गया। इमाम हुसैन की 4 साल की बेटी सकीना को तमाचे मारे गए। मसाएब के बाद जुलूस में नौहाखानी और सीनाजनी हुई। इसके पहले, अफरोज हैदर नकवी ने सोज पढ़ी। नौहाखानी शहंशाह और फैज ने की।
मरहूम जैनुलाअबदीन ने कायम किया था जुलूस
मंझनपुर में सेवम का जुलूस मरहूम मुर्तजा हैदर के वालिद जैनुल आबेदीन मरहूम ने कायम किया था। यह जुलूस कई साल से 12 मोहर्रम को निकाला जाता है। जुलूस में जुल्जनाह के अलावा इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के ताबूत होते हैं। अकीदतमंद जुलजनाह और ताबूत पर फूलों की चादर चढ़ाते हैं।
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