जमशेदपुर : झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन में घोटाले का आरोप लगाते हुए साल 2014-15 में बिष्टुपुर थाने में 196.30 करोड रुपए के गबन की प्राथमिक की दर्ज कराई गई थी। इस मामले के आरोपियों ने गुरुवार को जमशेदपुर कोर्ट में सरेंडर किया। सरेंडर करने वाले आरोपियों में राजेश वर्मा, गोविंद मुखर्जी और रंजीत कुमार शामिल हैं। इस केस के मुख्य आरोपी अमिताभ चौधरी का निधन हो चुका है। गुरुवार को मामले की सुनवाई सीजेएम निशांत कुमार ने की और सभी आरोपियों को जमानत दे दी। आरोपियों की तरफ से अधिवक्ता तापस मित्रा और प्रकाश झा ने बहस की थी। अधिवक्ता प्रकाश झा ने न्यायालय को बताया कि मामले में आरोपियों को कस्टडी में रखे बिना बहस की जा सकती है।
अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपियों को जमानत दी। गौरतलब है कि पूर्व रणजी खिलाड़ी उज्जवल दास ने यह केस दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि बीसीसीआई ने 196.5 करोड रुपए झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन को दिए थे और झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने इस रकम की बंदर बांट कर ली है। जबकि, आरोपियों की तरफ से बहस कर रहे अधिवक्ताओं ने कोर्ट में दलील दी कि अगर किसी भी तरह की बंदर बांट या घोटाला होता तो बीसीसीआई की ऑडिट में यह बात पकड़ में आती। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस रकम से रांची में भव्य स्टेडियम बनाया गया है। जबकि, प्राथमिकी में कहा गया है कि स्टेडियम को व्यवसायिक बना दिया गया है। स्टेडियम में रेस्टोरेंट और अन्य गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। बीसीसीआई की तरफ से जो भी रकम दी गई थी, नियमावली का उल्लंघन करते हुए उस राशि को अन्य मदों में भी खर्च किया गया है।
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