गैस सिलेंडर ब्लास्ट की आशंका, कार लॉक होने से नहीं बच सके कारोबारी, जांच में कई सवाल बरकरार
Jamshedpur : (Jamshedpur Car Fire ) मेरीन ड्राइव कदमा पर रविवार सुबह उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब एक चलती कार में अचानक आग लग गई। इस दर्दनाक हादसे में विजया हेरीटेज अपार्टमेंट के रहने वाले सीमेंट कारोबारी सुनील अग्रवाल (55) की जलकर मौत हो गई। वे मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे और हुंडई क्रेटा कार चला रहे थे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी।
इसे भी पढ़ें – Dilapidated MGM Hospital: एमजीएम अस्पताल में गिरी छत, एक की मौत, कई मरीज दबे, अस्पताल की जर्जर हालत पर फिर उठा सवाल+ VDO
Jamshedpur Car Fire : ड्राइविंग सीट पर मिला शव

Jamshedpur car Fire: जली कार देख रहे लोग
पुलिस जांच में शुरुआती कारण एक घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर में रिसाव और उसमें हुए विस्फोट को माना जा रहा है। सुनील अग्रवाल कार में रखे सिलेंडर के पास बैठे सिगरेट पी रहे थे। इसी दौरान गैस ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते कार जलने लगी। कार लॉक थी, जिससे वे बाहर नहीं निकल सके। उनका शव ड्राइविंग सीट पर ही जला हुआ मिला। उन्होंने सीट बेल्ट तक खोलने की कोशिश नहीं की, जिससे आशंका है कि हादसे के वक्त वे बेहोश हो गए होंगे या बचाव का मौका ही नहीं मिला।
Jamshedpur Car Fire : अभी कई सवाल अनसुलझे
इस हादसे को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर आग लगी थी, तो कारोबारी ने बाहर निकलने की कोशिश क्यों नहीं की? क्या कार लॉक हो गई थी? क्या वे चेतना खो बैठे थे? या यह कोई सोची-समझी साजिश थी?
पुलिस को कारोबारी के अपार्टमेंट से निकलने का सीसीटीवी फुटेज तो मिल गया है, लेकिन घटनास्थल का कोई सीसीटीवी फुटेज अब तक नहीं मिला। पुलिस जांच में जुटी है और कोई कसर नहीं छोड़ रही। मामले को अब संदिग्ध मानकर जांच की जा रही है।
परिजनों का रो रो कर बुरा हाल
घटना की जानकारी मिलते ही सुनील अग्रवाल के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनके बेटे मुंबई की एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं, जबकि बेटी अमेरिका में रहती हैं। शनिवार की रात उन्होंने आदित्यपुर के होटल मधुबन में दोस्तों से मुलाकात की थी। जानने वालों के मुताबिक, वे एक मिलनसार और हंसमुख व्यक्ति थे।
फिलहाल हादसा, लेकिन जांच जारी
पुलिस को शुरुआती तौर पर यह एक दुर्घटना ही लग रही है, लेकिन सभी एंगल से जांच जारी है। घटनास्थल के पास सुरक्षा कैमरे नहीं मिलना और कार का अंदर से लॉक होना मामले को और भी जटिल बना रहा है।