जमशेदपुर : बागबेड़ा में अभी भी गंदे पानी की जलापूर्ति की जा रही है। बागबेड़ा महानगर विकास समिति ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जनहित याचिका दायर होने के बाद झारखंड सरकार ने यहां फिल्टर प्लांट बनाने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को एक करोड़ 88 लाख 69 हजार 710 रुपए उपलब्ध कराए थे। विभाग ने जलापूर्ति योजना के फिल्टर प्लांट का टेंडर करने में काफी हीला हवाली की। कई बार आंदोलन करने के बाद टेंडर निकाला गया। टेंडर निकालने के बाद भी अभी तक फिल्टर प्लांट का काम चालू नहीं किया गया है। जबकि 27 अप्रैल को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने हाईकोर्ट में झूठा हलफनामा दिया कि फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य चालू कर दिया गया है। बागबेड़ा महानगर विकास समिति के सुबोध झा और विनय सिंह को आधी अधूरी सूचना दी गई थी। इन लोगों ने विभाग के अधिकारियों पर दबाव डाला तो अब विभाग के अधिकारी सोमवार से फिल्टर प्लांट के निर्माण की बात कह रहे हैं। गौरतलब कि कि बागबेड़ा में दूषित पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसके बावजूद पेयजल एवं स्वच्छता विभाग फिल्टर प्लांट बनवाने में हीला हवाली कर रहा है।
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