न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : बिरसानगर में बारीडीह से बिरसानगर अपने घर ट्यूशन पढ़कर जा रहे युवक सुमित रजक की बाइक को गुरुवार को एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इस सड़क हादसे में सुमित रजक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके चेहरे और होंठ में काफी चोट आई थी। स्थानीय लोगों ने सुमित रजक को इलाज के लिए बिष्टुपुर के टीएमएच अस्पताल में भर्ती कराया और उसके सुमित रजक के पिता भोला रजक को इसकी जानकारी दे दी। भोला रजक ड्यूटी पर थे। वह फौरन टीएमएच पहुंचे और 500 रुपए का टोकन कटवाने के बाद अपने बेटे का इलाज शुरू करने की बात डॉक्टरों से कही। लेकिन इमरजेंसी में डॉक्टरों ने इलाज शुरू नहीं किया। सुमित रजक तड़प रहा था। सुमित रजक का कहना है कि दुर्घटना के लगभग 3 घंटे तक वो टीएमएच में रहा। लेकिन इलाज नहीं शुरू किया। जब उसके पिता भोला रजक ने 500 रुपए का टोकन कटवा लिया तो भी इलाज शुरू नहीं हुआ। भोला ने कहा कि पहले 3000 रुपए जमा करिए। तब इलाज शुरू होगा। भोला रजक ने बताया कि डाक्टर बता रहे थे कि इलाज में 2 लाख रुपए तक का खर्च आएगा। इलाज का खर्च उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। सुमित के चेहरे और होंठ में चोट थी। इसके बावजूद दो लाख रुपए का खर्च बता रहे थे। और 3000 रुपए जमा होने से पहले घायल को छूने को तैयार नहीं थे।
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इसके बाद भोला रजक ने डाक्टरों से काफी मिन्नत की। मगर डाक्टरों का दिल नहीं पसीजा। इसके बाद भोला रजक अपने बेटे बेटे सुमित को लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां इमरजेंसी में सुमित का इलाज हुआ। अब वह ठीक है। भोला ने बताया कि एमजीएम अस्पताल में उसके बेटे का इलाज हुआ है। कोई पैसा नहीं लगा। जबकि इसी के लिए टीएमएच में दो लाख रुपए तक मांगे जा रहे थे। 3000 रुपए जमा कराने से पहले डाक्टर घायल को देखने तक के लिए तैयार नहीं थे।
भोला रजक ने बताया कि पहले डॉक्टरों ने कहा कि 500 रुपए का टोकन कटा लो तो इलाज शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन 500 रुपए का टोकन कटाने के बाद भी इलाज शुरू नहीं हुआ। भोला का कहना है कि सरकार मामले की जांच कराए और देखे कि गरीबों के साथ क्या हो रहा है।