न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : बेंगलुरु में कपड़ा मिल में काम करने वाली देवकी महानंद रविवार को जमशेदपुर पहुंची। उसे मानगो के कुमरूम बस्ती स्थित दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के संचालक सुनील कुमार सिंह ने फ्लाइट से जमशेदपुर बुलवा। रांची बुलवाया और उसके बाद जमशेदपुर लाकर मानगो थाने के सुपुर्द किया। मानगो थाने में देवकी महानंद ने कौशल केंद्र के संचालक सुनील कुमार सिंह और एचआर कामिल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। देवकी महानंद ने पुलिस को बताया कि बेंगलुरु में उसे पोटिया कंपनी में जॉब के लिए भेजा गया था। लेकिन कंपनी ने उसका एक किलो वजन कम होने की बात कहकर छांट दिया। इसके बाद वह कुछ दिन पीजी में रही। बाद में उसे पीजी से निकाल दिया गया। खाने के लिए 170 रुपए रोज मांगे जा रहे थे। उसके पास कोई चारा नहीं था। वह कौशल विकास केंद्र के संचालक सुनील कुमार सिंह और एचआर कामिल को फोन करती थी। लेकिन यह लोग मामले को टाल रहे थे। बाद में फोन उठाना बंद कर दिया था। इससे उसे काफी परेशानी उठानी पड़ी। मजबूरी में एक कपड़ा मिल में काम करना पड़ा। पोटिया कंपनी ने उसे कई बार बुलाया और रिजेक्ट कर दिया। इससे देवकी महानंद घबरा गई थी। देवकी महानंद के माता पिता ने पत्रकारों से संपर्क किया। इसके बाद छात्र आजसू ने दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के हॉस्टल के सामने हंगामा किया। पुलिस पहुंची। तब जाकर समझौते के तहत रविवार को देवकी महानंद को जमशेदपुर लाया गया है। देवकी महानंद ने पुलिस को बताया कि कार से पारडीह से मानगो थाने लाते हुए सुनील कुमार सिंह ने उसे धमकी दी कि पुलिस को ज्यादा बात नहीं बताना। वरना अंजाम भुगतना होगा। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। देवकी महानंद ने बताया कि उसकी तरह चार और लड़कियों को छांट दिया गया था। वह भी परेशान होकर इधर-उधर चली गई है। यही नहीं ने 21 लड़कियों को पोटिया कंपनी में लगाया गया है। वह भी काफी परेशान हैं। देवकी महानंद ने बताया कि उन्होंने दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र में होम हेल्थ एड की ट्रेनिंग ली थी।