न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : जमशेदपुर में शुक्रवार को नमाज के बाद प्रदर्शन नहीं हुआ। शांतिपूर्ण तरीके से नमाज पढ़ कर लोग अपने घर गए। लेकिन सुबह-सुबह युवाओं ने टाटानगर रेलवे स्टेशन और जुगसलाई रेलवे फाटक के पास जमकर बवाल काटा। ट्रेन रोक दी। इससे रेलवे को लाखों का नुकसान हुआ। जहां तहां ट्रेनें रोकनी पड़ीं। यात्री परेशान हुए। जिला प्रशासन ने युवाओं के साथ सख्ती नहीं की बल्कि उनकी मान मनव्वल में लगे रहे। बताते हैं कि उपद्रवी सुबह से ही रेलवे ट्रैक के आसपास जमा हो गए थे। रेलवे स्टेशन के आसपास आरपीएफ के जवानों की सक्रियता के चलते उनकी दाल नहीं गली तो ओवर ब्रिज से ट्रैक पकड़ कर दुखू मार्केट के पास पहुंचे और वहां उन्होंने आगजनी कर दी थी। तभी टाटानगर स्टेशन से राजेंद्र नगर दुर्ग साउथ बिहार एक्सप्रेस ट्रेन जुगसलाई फाटक पहुंचने वाली थी। हालात को समझते हुए रेल प्रशासन ने दुखू मार्केट आउटर सिग्नल के पास से ही ट्रेन को रोक दिया और दूसरा इंजन लगाकर ट्रेन को वापस ले गए। अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो उपद्रवी युवा ट्रेन को आग लगा सकते थे। बाद में भारी मात्रा में फोर्स और अधिकारी पहुंचे और युवाओं की काफी देर तक मान मनव्वल की। माना जा रहा है कि अगर पुलिस ने लाठीचार्ज कर युवाओं को खदेड़ दिया होता तो यात्रियों को इतनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा होता। युवा तकरीबन दो घंटे तक ट्रैक पर कब्जा कर बवाल काटते रहे। लेकिन, पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
एमजीएम में जूनियर डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन, मरीजों का नहीं किया इलाज : एमजीएम अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया।उन्होंने शुक्रवार को काम नहीं किया। हालांकि पहले से जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद करने का कोई ऐलान नहीं किया था। इसके चलते ओपीडी सेवा बाधित रही। इमरजेंसी में भी मरीजों का इलाज प्रभावित रहा। कई मरीजों को बिना इलाज कराए वापस लौटा दिया गया। जूनियर डॉक्टर अपने वेतन को लेकर परेशान रहे। उन्होंने नारेबाजी भी की। हालांकि एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ अरुण कुमार जूनियर डॉक्टरों की मान मनव्वल में लगे रहे। उन्हें समझाया गया कि काम कीजिए। मरीजों का इलाज कीजिए। मरीजों को वापस न जाने दीजिए। लेकिन जूनियर डॉक्टर नहीं माने।