जमशेदपुर: टाटा रेल सिविल डिफेंस में टाटानगर में इलेक्ट्रिक लोको पायलट प्रशिक्षण केंद्र में लोको पायलटों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया। रेल सिविल डिफेंस के इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने शुक्रवार को बताया कि लोको पायलटों को बताया गया कि अगर ट्रेन में आग लग जाए तो इस स्थिति से कैसे निपटना है। उन्हें बताया गया कि फ्लशर लाइट जलाते हुए ट्रेन को खड़ा करना है। इसके बाद यात्रियों को बाहर निकालने के साथ ही घटना की जानकारी स्टेशन मास्टर, क्षेत्र कंट्रोलर या टीएलसी को देनी है। जिस कोच में आग लगी है उससे कम से कम 45 मीटर की दूरी पर दोनों तरफ के कोच को रखना है। गाड़ी आगे न चलने लगे इसके लिए चक्का के नीचे स्टॉपर भी लगाना चाहिए। उन्होंने लोको पायलटों को बताया कि रेल प्रशासन के सेफ्टी विभाग द्वारा इंजन में चार, ब्रेक वैन में दो, एसी। कोच में दो दो, पैंटी कार कोच में चार और जनरेटर कार में चार अग्निशामक यंत्र रखे जाते हैं। रेल सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार के नेतृत्व में आयोजित किए गए इस आपदा प्रशिक्षण कार्यक्रम में डेमोंस्ट्रेटर अनिल कुमार सिंह और शंकर प्रसाद ने CO2 फायर संयंत्र और डीपी टाइप फायर संयंत्र के प्रयोग की जानकारी दी। डेमोंस्ट्रेटर शंकर प्रसाद ने सीपीआई देने की विधि बताई। अनामिका मंडल ने बैंडेज बांधने का तरीका बताया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में दक्षिण पूर्व रेलवे के लगभग 300 लोको पायलट मौजूद थे।