न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : सीजीपीसी चुनाव में हर लम्हा राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं। मानगो गुरुद्वारा के प्रधान भगवान सिंह सीजीपीसी का अध्यक्ष बनना चाहते हैं। जिन चार लोगों ने उनके साथ नामांकन किया था। उनमें से महेंद्र सिंह को छोड़कर सभी उम्मीदवारों का समर्थन बुधवार को भगवान सिंह को हासिल था। हरविंदर सिंह मिंटू और हरविंदर सिंह मिंदी भगवान सिंह के साथ थे। भगवान सिंह को उम्मीद थी कि महेंद्र सिंह को भी वह गुरुवार को मना लेंगे।
लेकिन, गुरुवार को मामला पलट गया। हरविंदर सिंह मिंदी जो बुधवार को भगवान सिंह के साथ थे, गुरुवार को वह भगवान सिंह से अलग हो गए। उन्होंने भगवान सिंह को ही अपना समर्थन करने के लिए कह दिया। अब चुनाव का ऐलान हो गया है। पर्चा वापसी के बाद पता चलेगा कि कौन कौन मैदान में हैं। माना जा रहा है कि सीजीपीसी में जो राजनीति चल रही है उसके केंद्र बिंदु में भगवान सिंह और गुरमुख सिंह मुखे हैं। इन दोनों के बीच जोर आजमाइश चल रही है। पहले भगवान सिंह का दांव चला कि गुरमुख सिंह मुखे चित हो गए। गुरमुख सिंह मुखे ने भी पर्चा खरीदा था। लेकिन पर्चा जमा करने नहीं पहुंच सके। भगवान सिंह सीजीपीसी का निर्विरोध अध्यक्ष बनना चाहते थे। लेकिन इसमें गुरमुख सिंह ने रोड़ा अटका दिया। अब भगवान सिंह का सीजीपीसी का निर्विरोध प्रधान बनने का सपना टूट चुका है।
गुरमुख सिंह मुखे ने उनकी राह में इतने कांटे बिछा दिए हैं कि चुनाव में भी भगवान सिंह की राह आसान नहीं है। सीजीपीसी के चुनाव में पहली बार जाति की एंट्री हुई है और रंगरेटा समाज बनाम जट जाति का मुद्दा उछाला जा रहा है, जो भगवान सिंह की गले की फांस बन सकता है।